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पटना : सात वर्षों से नहीं खरीदी एक भी किताब, इ-लाइब्रेरी भी ठप

पटना : अरविंद महिला कॉलेज की छात्राओं को नयी किताबें पढ़ने को नहीं मिल रही हैं. 2012 में कॉलेज की पूर्व प्राचार्या प्रो आशा सिंह के रिटायरमेंट से पहले बीस लाख की किताबें खरीदी गयी थीं. इसके बाद सरकारी अनुदान से एक भी पुस्तक नहीं खरीदी गयी. सरकारी अनुदान के अनुसार ग्रेडिंग के लिहाज से […]

पटना : अरविंद महिला कॉलेज की छात्राओं को नयी किताबें पढ़ने को नहीं मिल रही हैं. 2012 में कॉलेज की पूर्व प्राचार्या प्रो आशा सिंह के रिटायरमेंट से पहले बीस लाख की किताबें खरीदी गयी थीं. इसके बाद सरकारी अनुदान से एक भी पुस्तक नहीं खरीदी गयी. सरकारी अनुदान के अनुसार ग्रेडिंग के लिहाज से कॉलेजों को पैसे मिलते है, जिससे किताबें खरीदी जाती हैं.
पहले यूजीसी से पैसे मिलते थे. लेकिन, अब यूजीसी रूसा के माध्यम से किताबें खरीदने के लिए पैसे देती है. 2012 के बाद से कॉलेज की ओर से लाइब्रेरी से जुड़े अनुदान को लेकर प्रस्ताव नहीं भेजा गया है. इसका कारण यह है कि कॉलेज को अब तक स्थायी प्राचार्या ही नहीं मिल पायी हैं.
लाइब्रेरी में हैं लगभग 30,000 किताबें : लाइब्रेरी में 22 विषयों की 30,000 किताबें हैं. लाइब्रेरी की वेबसाइट, सेंट्रल लाइब्रेरी की वेबसाइट और इ-लाइब्रेरी सारे दो सालों से ठप पड़े हुए हैं. इनका रजिस्ट्रेशन समाप्त हो चुका है. ऑनलाइन लाइब्रेरी के लिए वेब ओपेक सिस्टम की सुविधा भी दी गयी. जिसका रजिस्ट्रेशन समाप्त हो चुका है. लाइब्रेरी में मौजूद 20 कंप्यूटर इन सुविधाओं के नहीं होने से बंद पड़े हुए हैं.
रजिस्ट्रेशन के लिए नहीं हैं पैसे : सूचना व पुस्तकालय नेटवर्क (इन्फ्लिबनेट) की सुविधा के लिए कॉलेज को हर साल रजिस्ट्रेशन कराना होता है. पिछले दो सालों यह अपडेट नहीं हो पाया है. इसका एक कारण यह है कि लाइब्रेरी के पास रजिस्ट्रेशन कराने के लिए
पैसे नहीं है.
इ-लाइब्रेरी का टेंडर आरएन इंटरप्राइजेज को दिया गया है. फरवरी के आखिर तक इ-लाइब्रेरी शुरू हो सकती है. सात वर्षों से किताबें नहीं खरीदी गयीं. पिछले साल राज्य सरकार की ओर से मिले दो लाख अनुदान से किताबों की सूची नोवेल्टी प्रकाशन को दी गयी है, जो मार्च में आ जायेंगी.
प्रो मीरा कुमारी, प्रभारी प्राचार्या
दो सालों से इन्फ्लिबनेट के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया है. कॉलेज की वेबसाइट और सेंट्रल लाइब्रेरी का भी रजिस्ट्रेशन समाप्त हो चुका है. सात सालों से कोई नयी किताबें भी नहीं है. प्राचार्या ने नयी लाइब्रेरी कमेटी का गठन किया गया है और जल्द नयी किताबें आने की बात कही गयी हैं.
प्रो शिवनारायण, लाइब्रेरी इंचार्ज

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