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पटना : आय से अधिक संपत्ति में भी फंसे ठेकेदार की हत्या के आरोपित चीफ इंजीनियर
पटना : गोपालगंज में ठेकेदार की हत्या के आरोप में फरार चल रहे जल संसाधन विभाग में मुख्य अभियंता मुरलीधर सिंह आय से अधिक संपत्ति के मामले में भी फंस गये हैं. उनके खिलाफ जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) ने अब तक एक करोड़ 34 लाख 92 हजार 785 रुपये की अवैध कमाई […]
पटना : गोपालगंज में ठेकेदार की हत्या के आरोप में फरार चल रहे जल संसाधन विभाग में मुख्य अभियंता मुरलीधर सिंह आय से अधिक संपत्ति के मामले में भी फंस गये हैं. उनके खिलाफ जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) ने अब तक एक करोड़ 34 लाख 92 हजार 785 रुपये की अवैध कमाई पायी है. आरोपित इंजीनियर फरार हैं. परिजनों से भी घर पर नहीं मिल रहे हैं. इनसे पूछताछ के बाद कमाई के नये स्रोत भी सामने आ सकते है. विभाग मुरलीधर को निलंबित कर चुका हैं. जमानत की अर्जी भी खारिज हो चुकी है. मुरलीधर सिंह गोपालगंज में मुख्य अभियंता बाढ़ नियंत्रण एवं जल निस्तारण के पद पर तैनात थे.
29 अगस्त, 2019 को उनके खिलाफ नगर थाने में जल संसाधन विभाग के ठेकेदार रामाशंकर सिंह की हत्या का मामला दर्ज हुआ था. 30 अगस्त और एक सितंबर, 2019 को इओयू की टीम ने उनके गोपालगंज स्थित सरकारी आवास और पटना में निजी आवास पर छापेमारी की थी. आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज कर जांच कर रही है.सूत्रों के अनुसार मुरलीधर पत्नी कामिनी के नाम पर कामिनी कौशल इन्फ्राइस्ट्रक्चर प्रा. लि. कंपनी बनाकर कारोबार कर रहे हैं. जांच में पाया कि कामिनी गृहणी हैं, पर कंपनी में निदेशक बनाया गया है. तीन निदेशक वाली कंपनी में बेटा अनिमेष भी निदेशक है. जबकि वह हैदराबाद में रहता है. वहां एक कंपनी में काम करता है.
मुंबई से भी जुड़े हैं अवैध कमाई के तार
इओयू की अब तक की जांच में पाया है कि 1987 में सहायक अभियंता, पटना के पद से नौकरी शुरू करने वाले मुरलीधर की वैध स्रोतों से आय एक करोड़ 20 लाख 7361 रुपये है. इसके विपरीत चल- अचल संपत्ति एक करोड़ 34 लाख 92 हजार 785 रुपये अधिक मिली है.
जांच में पाया कि 22 जून, 2015 को मुंबई के ठाकुर विलेज स्थित एक्सिस बैंक में संचालित किसी संजय कुमार के खाते से 3.34 लाख रुपये पटना के नगवां स्थित एसबीआइ के कृष्णमुरारी के खाते में ट्रांसफर किये गये हैं. जमा करने वाले व्यक्ति के हस्ताक्षर के स्थान पर मुरलीधर सिंह के हस्ताक्षर हैं. इसके अलावा और भी कई खाते हैं, जिनमें लाखों रुपये का लेनदेन हुआ है.
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