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नये एमवीआइ एक्ट का दिखा बेहद हल्का असर, 2019 में बढ़ीं सड़क दुर्घटनाएं
पटना : पिछले वर्ष प्रथम छमाही की तुलना में दूसरे छमाही में सड़क दुर्घटना की संख्या घटी, फिर भी वर्ष 2018 की तुलना में 2019 में सड़क दुर्घटना व उसमें मृतकों की संख्या कुल मिला कर अधिक रही. वर्ष 2019 में 9979 सड़क दुर्घटना में 7155 लोग मारे गये, जबकि वर्ष 2018 में 9600 सड़क […]
पटना : पिछले वर्ष प्रथम छमाही की तुलना में दूसरे छमाही में सड़क दुर्घटना की संख्या घटी, फिर भी वर्ष 2018 की तुलना में 2019 में सड़क दुर्घटना व उसमें मृतकों की संख्या कुल मिला कर अधिक रही.
वर्ष 2019 में 9979 सड़क दुर्घटना में 7155 लोग मारे गये, जबकि वर्ष 2018 में 9600 सड़क दुर्घटना में 6729 लोगों की मौत हुई थी. इस प्रकार सड़क दुर्घटना की संख्या में 7.07 प्रतिशत की वृद्धि हुई. जबकि, उसमें मरने वालों की संख्या में 6.33 प्रतिशत की वृद्धि हुई.दूसरे छमाही में आयी 17.09 प्रतिशत की कमी : पिछले वर्ष प्रथम छमाही की तुलना में दूसरे छमाही में सड़क दुर्घटना की संख्या में 17.09% की कमी आयी.
जनवरी से जून 2019 के बीच 5482 सड़क दुर्घटनाएं हुईं] जबकि जुलाई से दिसंबर 2019 के बीच यह संख्या 4634 रही. इस दौरान सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों की संख्या में भी 20.9% की कमी रही. सितंबर 2019 में नये मोटरवाहन कानून के लागू करने के कारण दुर्घटना में हल्की कमी आयी.
बक्सर, बांका और सहरसा में आयी सर्वाधिक गिरावट
सड़क दुर्घटना में सर्वाधिक गिरावट बक्सर, बांका और सहरसा में दर्ज की गयी. सहरसा में वर्ष 2018 में 117 सड़क दुर्घटना में 86 लोग मृतक और 91 जख्मी रहे थे जबकि वर्ष 2019 में यह संख्या क्रमश: 87 और 71 रही. इसीतरह बक्सर में वर्ष 2018 में 92 मृतक और 78 घायल रहे जबकि वर्ष 2019 में यह संख्या 81 और 36 रही. इसीतरह कई अन्य जिलों में भी सड़क दुर्घटना में कमी आयी है.
बेगूसराय 7.5
वैशाली 7
दरभंगा6.8
समस्तीपुर6.3
नवादा 4.8
सीतामढ़ी3.6
भागलपुर2
बेतिया 0.7
मुजफ्फरपुर0.6
15 वर्षों में वाहन लोड बढ़ा नहीं बढ़े ट्रैफिक पुलिसकर्मी
पटना : पिछले 15 वर्षों में पटना का वाहन लोड तीन गुना बढ़ा है, पर यहां यातायात पुलिस की संख्या में कोई वृद्धि नहीं हुई है. बल्कि सृजित क्षमता से 50 कम सिपाही ही यहां पदस्थापित हैं. शहर की ट्रैफिक व्यवस्था के परिचालन के लिए वर्ष 2006 में ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के 1150 पदों का सृजन किया गया.
इनमें सिपाहियोंं के एक हजार व अधिकारियों के 150 पद शामिल थे. इन पदों का सृजन करते समय शहर के वर्ष 2005 के वाहन लोड को आधार बनाया गया था, जब पटना जिला परिवहन कार्यालय में केवल 4.5 लाख वाहन पंजीकृत थे. वर्तमान में यह संख्या बढ़ कर 14 लाख से अधिक हो गयी है. इस प्रकार वाहन लोड में तीन गुने से भी अधिक की वृद्धि हुई है, लेकिन न तो ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की संख्या में और न ही अधिकारियों की संख्या में वृद्धि हुई है.
वर्तमान क्षमता
पदसंख्या
नियमित
सिपाही 650
होमगार्ड 300
एएसअाइ 70
एसआइ 50
डीएसपी 3
एसपी 1
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