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बिहार विशेष पैकेज की राशि का केंद्रीय बजट में हो प्रावधान : सुशील मोदी

वित्त मंत्रियों की बजट पूर्व हुई बैठक में शामिल हुए सुशील मोदी नयी दिल्ली/पटना : बजट पूर्व बैठक में बिहार सरकार की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राज्य के लिए घोषित विशेष पैकेज के तहत पैसे का आवंटन सुनिश्चित करने की मांग की गयी है. स्पेशल पैकेज के तहत बिहार को 1.65 लाख करोड़ […]

वित्त मंत्रियों की बजट पूर्व हुई बैठक में शामिल हुए सुशील मोदी
नयी दिल्ली/पटना : बजट पूर्व बैठक में बिहार सरकार की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राज्य के लिए घोषित विशेष पैकेज के तहत पैसे का आवंटन सुनिश्चित करने की मांग की गयी है.
स्पेशल पैकेज के तहत बिहार को 1.65 लाख करोड़ रुपये देने का प्रावधान किया गया है. इसमें कई क्षेत्र शामिल हैं, लेकिन कौशल विकास, कृषि, टेलीकम्युनिकेशन, डिजिटल बिहार और पर्यटन के लिए उचित फंड का आवंटन नहीं किया गया है और इस बजट में पर्याप्त राशि का आवंटन किया जाना चाहिए.
साथ ही सामाजिक योजना के तहत वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन और अन्य पेंशन के लिए बिहार सरकार द्वारा मुहैया करायी सूची के तहत पूरा आवंटन करने, किसान क्रेडिट के दायरे में पशुपालकों और दुग्ध उत्पादकों को लाने, नमामि गंगा योजना का विस्तार करने, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना का नया फेज शुरू करने, हर घर को नल का जल देने वाली योजना को केंद्रीय योजना के दायरे में लाने जैसे अहम मुद्दे उठाये गये. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आयोजित वित्त मंत्रियों की बैठक में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने विभिन्न क्षेत्रों में बिहार की जरूरतों को रेखांकित करते हुए केंद्रीय मदद मुहैया कराने की मांग रखी.
मोदी ने केंद्र सरकार से राज्यों को बाजार से कर्ज लेने की सीमा बढ़ाने की मांग करते हुए कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष में केंद्र और राज्य सरकार की विकास दर धीमी है. ऐसे में कर्ज लेने की सीमा को बढ़ाया जाना समय की जरूरत है.
बिहार ने ग्रामीण क्षेत्रों में एटीएम की संख्या बढ़ाये जाने की जरूरत पर बल दिया. जलवायु परिवर्तन की वजह से बिहार जैसे कृषि प्रधान राज्यों के कृषि व स्वास्थ्य पर हो रहे प्रभाव के अध्ययन के लिए राष्ट्रीय स्तर का शोध संस्थान बनाने व उससे मुकाबले के लिए पर्यावरण बजट पेश करने का सुझाव दिया, जिसमें प्रत्येक विभागों की ओर से जलवायु परिवर्तन के असर से निबटने के दिशानिर्देश जारी किया जा सके. किसान क्रेडिट का लाभ डेयरी और पशुपालकों को देने का भी सुझाव दिया गया. बिहार की जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत अगले तीन साल में तालाब, पोखर, आहर, पाईन आदि जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने पर किये जा रहे 13 हजार करोड़ रुपये के खर्च के लिए केंद्र से योजना कर मदद करने और पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के समान बिहार को भी पुआल जलाने से किसानों को रोकने के लिए सहायता मुहैया कराने की मांग की गयी.
इसके अलावा स्वयं सहायता समूह की सभी महिलाओं को बैंकों द्वारा 10 हजार रुपये का ओवरड्राफ्ट देने, सभी समूहों को सात फीसदी ब्याज पर ऋण व समय पर ऋण चुकाने वालों को तीन प्रतिशत ब्याज अनुदान देने, मिड डे मील योजना के रसोइए का मानदेय बढ़ाकर तीन हजार करने व नामामि गंगे परियोजना में शामिल राज्य के 17 शहरों के अलावा किसी भी नदी के किनारे बसे अन्य सभी शहरों के लिए भी सिवरेज व एसटीपी परियोजना स्वीकृत करने की मांग की गयी.

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