15.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

निर्भया गैंग रेप के दोषी बिहार के अक्षय ने SC में दी पुनर्विचार याचिका, जानें क्या कहा

नयी दिल्ली / पटना : निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्याकांड के चार मुजरिमों में से एक दोषी बिहार के औरंगाबाद जिले के टंडवा थाना क्षेत्र के लहंगकर्मा गांव निवासी अक्षय कुमार सिंह उर्फ अक्षय ठाकुर ने मौत की सजा के फैसले पर पुनर्विचार के लिए मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. अक्षय ने […]

नयी दिल्ली / पटना : निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्याकांड के चार मुजरिमों में से एक दोषी बिहार के औरंगाबाद जिले के टंडवा थाना क्षेत्र के लहंगकर्मा गांव निवासी अक्षय कुमार सिंह उर्फ अक्षय ठाकुर ने मौत की सजा के फैसले पर पुनर्विचार के लिए मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. अक्षय ने तर्क दिया है कि मौत की सजा पर अमल अपराध को नहीं, बल्कि सिर्फ अपराधी को मारता है.

दिसंबर, 2012 में हुए सनसनीखेज निर्भया कांड में सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में चारों मुजरिमों की मौत की सजा के दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया था. इससे पहले, हाईकोर्ट ने चारों को मौत की सजा के निचली अदालत के फैसले की पुष्टि कर दी थी. दक्षिण दिल्ली में 16-17 दिसंबर, 2012 की रात चलती बस में छह व्यक्तियों ने 23 वर्षीय छात्रा के साथ गैंग रेप के बाद उसे बुरी तरह जख्मी करके सड़क पर फेंक दिया था. निर्भया का बाद में 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर में माउन्ट एलिजाबेथ अस्पताल में निधन हो गया था. इस प्रकरण में 33 वर्षीय अक्षय ने अभी तक पुनर्विचार याचिका दायर नहीं की थी, जबकि तीन अन्य दोषियों की पुनर्विचार याचिका न्यायालय पहले ही खारिज कर चुका है.

अक्षय ने अपने वकील एपी सिंह के माध्यम से दायर पुनर्विचार याचिका में मौत की सजा के संभावित अमल के खिलाफ दलीलें दी हैं. याचिका में कहा गया है, ‘शासन को सिर्फ यह साबित करने के लिए लोगों की मौत की सजा पर अमल नहीं करना चाहिए कि वह आतंक या महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर हमला कर रहा है. उसे बदलाव के बारे में सुनियोजित तरीके से सुधार के लिए काम करना चाहिए. फांसी की सजा पर अमल सिर्फ अपराधी को मारता है, अपराध को नहीं.’ शीर्ष अदालत ने पिछले साल नौ जुलाई को इस बर्बरतापूर्ण अपराध के तीन दोषियों 30 वर्षीय मुकेश, 23 वर्षीय पवन गुप्ता और 24 वर्षीय विनय शर्मा की पुनर्विचार याचिकाएं खारिज कर दी थीं.

न्यायालय ने कहा था कि इनमें 2017 के फैसले पर पुनर्विचार का कोई आधार नहीं है. इस समय दिल्ली की एक जेल में बंद अक्षय ने अपनी याचिका में कहा है कि मौत की सजा ‘बेरहमी से हत्या’ है और यह दोषियों को सुधरने का अवसर प्रदान नहीं करती है. याचिका में मौत की सजा खत्म करने की कारणों का जिक्र करते हुये कहा है कि ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है, जिससे पता चलता हो कि इस दंड का भय पैदा करने का कोई महत्व हो. याचिका में पूर्व प्रधान न्यायाधीश पीएन भगवती की टिप्पणियों का भी जिक्र किया गया है कि गरीब पृष्ठभूमि वाले अधिकतर दोषियों को फांसी के फंदे तक भेजने की संभावना अधिक रहती है.

याचिका में दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर से स्वास्थ्य को उत्पन्न खतरे का जिक्र करते हुए कहा गया है कि जीवन छोटे से छोटा होता जा रहा है, तो फिर मृत्यु दंड क्यों? याचिका में मौजूदा दौर में मनुष्य के जीवनकाल का जिक्र करते हुए कहा गया है कि मौत की सजा को कानून की किताब में रखने की कोई वजह नहीं है. इस वारदात को अंजाम देनेवाले छह अपराधियों में से एक राम सिंह ने तिहाड़ जेल में कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी, जबकि छठा आरोपी किशोर था और उसे किशोर न्याय बोर्ड ने दोषी ठहराया था. इस किशोर को तीन साल की सजा पूरी करने के बाद सुधार गृह से रिहा कर दिया गया था. पुनर्विचार याचिका के बाद दोषियों के पास सुधारात्मक याचिका दायर करने का विकल्प होता है. इसमें भी सफलता नहीं मिलने पर वे राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर कर सकते हैं. दया याचिका खारिज होने के बाद ही प्रशासन स्थानीय अदालत से ऐसे दोषी की मौत की सजा पर अमल के लिये आवश्यक वारंट प्राप्त कर सकता है.

कौन है अक्षय कुमार सिंह उर्फ अक्षय ठाकुर?

निर्भया गैंग रेप मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दोषी ठहराये गये अभियुक्तों में से एक अक्षय कुमार सिंह उर्फ अक्षय ठाकुर बिहार के औरंगाबाद जिले के टंडवा थाना क्षेत्र के लहंगकर्मा गांव का रहनेवाला है. अक्षय ठाकुर साल 2011 में पढ़ाई छोड़ कर घर से भागा और दिल्ली पैसे कमाने पहुंचा था. ज्यादा पढ़ा-लिखा नहीं होने के कारण उसे ठंग का काम नहीं मिला. इसी दौरान वह राम सिंह के करीब आ गया. राम सिंह ने अक्षय को बस कंडक्टर के काम में लगा दिया. राम सिंह के सहारे वह फल बेचनेवाले पवन गुप्ता से भी घुल-मिल गया था. निर्भया कांड के बाद अक्षय भागकर अपने गांव आ गया था. अक्षय ठाकुर को दिल्ली पुलिस ने बिहार के औरंगाबाद से गिरफ्तार कर अपने साथ लायी थी.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel