पटना : राज्य की युवा पीढ़ी में चुनाव और मतदान की जानकारी देने के लिए प्लस टू स्कूलों में चुनावी पाठशाला और कॉलेजों में निर्वाचन साक्षरता क्लबों की गतिविधियां तेज हो गयी हैं. अब जिलों के प्लस टू स्कूलों और कॉलेजों में पढ़नेवाले विद्यार्थियों को मतदाता सूची में नाम शामिल किया जाना है. इवीएम व वीवीपैट क्या होता है, स्कूल व कॉलेजों में आयोजित पाठशाला व क्लबों में खेल-खेल के माध्यम से इस प्रकार की जानकारी दी जा रही है. यह उम्मीद की जा रही है कि बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में इन पाठशाला और क्लबों का असर मतदान पर भी दिखेगा. जिलों के नोडल पदाधिकारी स्कूलों में जाकर चुनावी पाठशाला आयोजित कर रहे हैं. भोजपुर, गया, कैमूर और पश्चिमी चंपारण जिलों में इस प्रकार के क्लबों और पाठशालाओं का आयोजन शुरू हो चुका है.
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा देश भर के माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में निर्वाचन साक्षरता क्लब विशेष रूप से बनाये जा रहे है. इसका लक्ष्य 14 से 17 वर्ष के भावी मतदाताओं को स्वच्छ, पारदर्शी और नैतिक निर्वाचन प्रक्रिया से अवगत कराना है. साथ उनको एक सजग और सशक्त मतदाता के रुप में विकसित करना है. इसी तरह से कॉलेज स्तर पर भी 18 से 21 वर्ष के युवा मतदाताओं के लिए निर्वाचन साक्षरता क्लब स्थापित किये जा रहे है. हर बूथ पर औपचारिक शिक्षा के बाहर 14 से 17 वर्ष के भावी मतदाताओं के लिए भी चुनाव पाठशाला स्थापित किये गये हैं.
चुनावी पाठशाला में बूथ स्तर पर दिव्यांग मतदाता, वृद्ध मतदाता, महिला मतदाता , निरक्षर मतदाता भी जानकारी हासिल कर सकते हैं.
मालूम हो कि बिहार में लोकसभा आम चुनाव के दौरान विद्यालय स्तर पर 33651 निर्वाचन साक्षरता क्लब और 43173 चुनाव पाठशाला मतदान केंद्र पर स्थापित किये गये है.