पटना : अब भी स्वास्थ्य के लिहाज से बिहार के शहरों की हवा की गुणवत्ता दहशत भरी है. जानकारों की मानें, तो असली चुनौती अब आने वाली है. चूंकि बिहार में सर्दी में कोई खास बढ़ोतरी नहीं हुई है. जैसे-जैसे सर्दी बढ़ेगी, वैसे-वैसे उसका एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) खराब होगा. खास तौर पर पीएम 2.5 का घनत्व सर्दियों में बढ़ेगा. अगर पिछले 48 घंटे की बात करें, तो पटना का पीएम 2.5, 216 से 254 माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मीटर के बीच केंद्रित है. यह भी सामान्य से करीब पांच गुणा अधिक है. रविवार को देश में सबसे अच्छी हवा दक्षिण के इलूर व पूर्वी भारत के शिलांग शहर में चली. सबसे अच्छी गुणवत्तापूर्ण हवा वाले शहर शिलांग की तुलना में पटना व मुजफ्फरपुर की हवा का एयर क्वालिटी इंडेक्स 25 गुणा अधिक है. इंडेक्स की यह स्थिति बताती है कि पटना व मुजफ्फरपुर में हवा की गुणवत्ता कितनी खराब है.
देश के सर्वाधिक 6 प्रदूषित शहरों में बिहार के तीन शहर : चिंताजनक बात यह है कि पटना व मुजफ्फरपुर में शिलांग या इलूर जैसी हवा पिछले कुछ सालों में कभी नहीं बही है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण परिषद के मुताबिक इलूर व शिलांग का एयर क्वालिटीं इंडेक्स रविवार को क्रमश: 29 ओर 15 दर्ज किया गया. जबकि, पटना व मुजफ्फरपुर की हवा का एयर क्वालिटी इंडेक्स 382 और गया का एयर क्वालिटी इंडेक्स 306 रहा. बता दें कि बीते रोज पटना की हवा सीवियर श्रेणी की रही थी. बीते रोज पटना की हवा का एयर क्वालिटी इंडेक्स 407 पहुंच गया था. पिछले रोज की तुलना पटना का एक्यूआइ केवल 25 प्वांइट नीचे है. फिलहाल देश के सर्वाधिक प्रदूषित 6 शहरों में तीन बिहार के हैं. प्रदूषित शहरों की सूची में सबसे अधिक प्रदूषित कानपुर रहा. इसके बाद बिहार के पटना व मुजफ्फरपुर संयुक्त रूप से दूसरे स्थान पर रहे. अन्य शहरों में गया, आसनसोल व हावड़ा रहे. इन सभी शहरों में वायु गुणवत्ता की श्रेणी ‘बहुत खराब’ रही. सर्वाधिक प्रदूषित ये सभी शहर गंगेटिक बेल्ट के हैं. कानपुर को छोड़ दें, तो सभी पूर्वी भारत के हैं.