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पटना सिटी : जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से मरीज हो रहे परेशान, 30 ऑपरेशन टले, सैकड़ों मरीज लौटे

पटना सिटी : नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बीते तीन दिनों से जूनियर डॉक्टरों की जारी हड़ताल के कारण सोमवार को भी इलाज बाधित रहा. स्थिति यह थी कि 30 से अधिक ऑपरेशन टल गये. सैकड़ों मरीज बगैर इलाज कराये लौट गये. इमरजेंसी व शिशु इमरजेंसी में भी इलाज बाधित रहा. केंद्रीय पंजीयन काउंटर पर […]

पटना सिटी : नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बीते तीन दिनों से जूनियर डॉक्टरों की जारी हड़ताल के कारण सोमवार को भी इलाज बाधित रहा. स्थिति यह थी कि 30 से अधिक ऑपरेशन टल गये. सैकड़ों मरीज बगैर इलाज कराये लौट गये. इमरजेंसी व शिशु इमरजेंसी में भी इलाज बाधित रहा. केंद्रीय पंजीयन काउंटर पर साढ़े नौ बजे तक 820 मरीजों का पंजीयन हो चुका था.
इसी दौरान हड़ताली चिकित्सकों द्वारा कामकाज बाधित करने से मरीजों को ओपीडी की सुविधा नहीं मिल सकी. स्थिति यह है कि इमरजेंसी में आने वाले मरीज पीएमसीएच व फिर निजी अस्पताल का आसरा ले रहे हैं. ओपीडी में सीनियर ने कामकाज संभाला, तो जूनियर डॉक्टरों ने उन्हें रोक दिया.
वार्ता रही बेनतीजा : स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार के निर्देश पर अपर सचिव कौशल किशोर व उप सचिव डॉ विवेकानंद ठाकुर हड़ताली चिकित्सकों से वार्ता के लिए अस्पताल पहुंचे. प्राचार्य डॉ विजय कुमार गुप्ता, अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक सह उपाधीक्षक डॉ गोपाल कृष्ण की उपस्थिति में जूनियर डॉक्टर एसो के अध्यक्ष डॉ रवि रंजन कुमार रमण व सचिव राहुल शेखर की उपस्थिति में से वार्ता हुई, लेकिन बेनतीजा रही.
इलाज नहीं होने से मरीज ले रहे पीएमसीएच का आसरा
फिर भी नहीं माने जूनियर
प्राचार्य ने समझाने का प्रयास किया, लेकिन हड़ताली मानने को तैयार नहीं हुए. मांगों पर विचार-विमर्श के लिए एसडीओ राजेश रौशन व एएसपी मनीष कुमार भी अस्पताल पहुंचे और हड़ताली डॉक्टरों के साथ बैठक की. एसडीओ व एएसपी ने आश्वस्त किया कि अस्पताल के टीओपी में एएसआइ व छह जवान की तैनाती होगी. मेन गेट के सामने स्पीड ब्रेकर व बैरियर का निर्माण होगा. इसके बाद भी जूनियर डॉक्टर नहीं माने.
प्रधान सचिव से आज मिलेंगे प्राचार्य व जेडीए
कॉलेज प्राचार्य डॉ विजय कुमार गुप्ता ने बताया कि विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने मंगलवार को जूनियर डॉक्टरों के शिष्टमंडल को लेकर वार्ता के लिए बुलाया है. उम्मीद है कि मंगलवार को समस्या का समाधान निकल जायेगा. प्राचार्य ने बताया कि अस्पताल में 346 सीनियर डॉक्टर कार्यरत हैं.
क्या है विवाद की वजह
खुसरूपुर निवासी हृदय सिंह के 13 वर्षीय पुत्र रजनीश की 16 नवंबर को बिजली कटने व वेंटिलेटर के कार्य नहीं करने से मौत हो गयी थी. इससे नाराज परिजनों ने जमकर हंगामा किया और जूनियरों डॉक्टर से भिड़ गये. इस कारण जूनियर डॉक्टरों ने कार्य बहिष्कार करते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये.
…तो प्रदेश भर में हड़ताल
बिहार जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन की बैठक सोमवार की शाम बैठक हुई. जिसमें निर्णय लिया गया कि एनएमसीएच के मामले में व उनकी लंबित मांगों पर फैसला नहीं लेती है, तब 20 नवंबर की 11 बजे के दिन के बाद सभी मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले जायेंगे.

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