महान गणितज्ञ डॉ वशिष्ठ नारायण सिंह की शादी आठ जुलाई, 1973 में छपरा जिले के खलपुरा गांव निवासी दीप नारायण सिंह की बेटी वंदना रानी से हुई थी.
शादी के बाद श्री सिंह के घर मात्र कुछ दिन ही उनकी पत्नी रहीं. इसके बाद वह अपने माता-पिता के घर चली गयीं. कहा जाता है कि यहीं से उनकी मानसिक स्थिति बिगड़ने लगी. वशिष्ठ नारायण सिंह
हरवक्त गणित के सूत्र को सुलझाने में लगे रहते थे, लेकिन उनकी पत्नी वंदना रानी आपसी प्रेम-प्यार की बात करना चाहती थीं. बाद में उनकी स्थिति ऐसी हो गयी कि विश्व प्रसिद्ध महान गणितज्ञ डॉ वशिष्ठ नारायण सिंह जनवरी, 1974 में मानसिक रोग से ग्रसित होने के बाद रांची स्थित मानसिक आरोग्यशाला में भर्ती हो गये. तब तत्कालीन बिहार सरकार के द्वारा 1978 से सरकारी पैसे पर उनका इलाज कराया जा रहा था. लेकिन सरकार ने 1980 सरकारी खर्च को बंद कर दिया गया था. इसके बाद इलाज के लिए पैसा नहीं रहने के कारण 1982 में वहां एक निजी अस्पताल के प्रबंधकों द्वारा बंधक बनाये लिए गये थे.
देशभक्ति व सेवा की भावना से आये थे वापस
वर्ष 1969 में उन्होंने कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से पीएचडी की और वॉशिंगटन विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर बन गये. कुछ समय नासा में भी काम किया. उनके गाइड जॉन केली द्वारा अपनी बेटी के साथ दिये गये विवाह प्रस्ताव को डॉ सिंह ने अस्वीकृत करते हुए कहा था कि मुझे अपने देश भारत जाना है. देश की सेवा करनी है. अपने देश के लिए जीना और मरना है. वर्ष 71 में डॉ वशिष्ठ नारायण सिंह वापस भारत लौट आये.
