पटना : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसइ) ने जल बचाने को लेकर कई मुहिम शुरू की है. देश में जल संकट को देखते हुए बोर्ड ने सभी स्कूलों में पानी के बेहतर प्रबंधन को अब अनिवार्य बना दिया है. स्कूलों को अब पानी को बेकार नहीं करना होगा.
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स्कूलों को बचाना होगा पानी, नहीं तो मान्यता पर संकट
पटना : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसइ) ने जल बचाने को लेकर कई मुहिम शुरू की है. देश में जल संकट को देखते हुए बोर्ड ने सभी स्कूलों में पानी के बेहतर प्रबंधन को अब अनिवार्य बना दिया है. स्कूलों को अब पानी को बेकार नहीं करना होगा. स्कूलों को जल संरक्षण पर भी काम […]
स्कूलों को जल संरक्षण पर भी काम करना होगा. स्कूलों को जल प्रबंधन की नीति अपनाने को कहा है. इसके साथ बोर्ड ने साफ कहा है कि सभी नल को दुरुस्त किया जाये. पानी टंकी में कम पानी हो. अगर पानी बेकार हुआ तो मान्यता भी जा सकती है. इससे बचने के लिए सभी पुराने उपकरणों में बदलाव लाएं, ताकि पानी की बचत ज्यादा से ज्यादा हो.
कहा गया है कि स्वचालित और सेंसर युक्त टैप और दोहरे फ्लश वाले टैंक लगाएं जाये. नियमित तौर पर उपकरणों की जांच करें. कहीं लीकेज की समस्या न हो और न ही किसी प्रकार की टूट-फूट हो. इसके साथ पानी बचाने के लिए स्टूडेंट्स को जागरूक करने के साथ पानी से संबंधित पाठों को बढ़ाये जाने का भी सुझाव दिया है.
स्कूलों में जल प्रबंधन समिति का हो गठन
बोर्ड ने कहा है कि हर दिन स्कूलों में काफी अधिक मात्रा में पानी बर्बाद होती है. इनमें पीने के लिए, वॉशरूम, कैंटीन, मैदान, गार्डन शामिल है. इन स्थानों पर पानी अधिक बर्बाद होता है. इस कारण स्कूलों में जल संरक्षण से काफी मदद मिल सकती है. जल का बेहतर इस्तेमाल करने वाले स्कूलों की यह भी जिम्मेदारी है कि वे स्कूल जल प्रबंधन समिति का गठन करें. उसमें स्कूल प्रशासन, शिक्षक, छात्र, गैर शिक्षक स्टाफ, अभिभावक और समुदायों के कुछ लोगों को शामिल करें. स्कूलों में बेकार हो रहे पानी का दोबारा इस्तेमाल करने के उपाय और उपकरणों पर ध्यान देना होगा.
सीबीएसइ ने 2019-20 के लिए एक्टिविटी कैलेंडर जारी कर दी है. खेल-कूद को इसमें स्थान दिया गया है. इसमें फिजिकल एजुकेशन के साथ खेल और हेल्थ पर भी ध्यान दिया है. स्कूलों में कैरम, शतरंज, टेबल-टेनिस, कुश्ती, योग ओलिंपियाड, कुश्ती (फ्री स्टाइल), हॉकी, फुटबॉल, बैडमिंटन, एथलेटिक्स आदि खेलों पर भी बल दिया है.
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