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समस्तीपुर संसदीय सीट को लेकर लोजपा गंभीर, सांसद पारस ने कहा- जदयू-भाजपा के रिश्तों में कोई खटास नहीं

मिथिलेश पटना : एनडीए के दो घटक जदयू और भाजपा के बीच रिश्तों की खटास की भविष्यवाणी कर रहे विपक्ष को लोजपा ने नकार दिया है. लाेजपा के सांसद पशुपति कुमार पारस ने कहा कि जदयू और भाजपा के बीच कोई खटास नहीं है. तीनों ही दल समस्तीपुर में लोजपा उम्मीदवार के लिए प्रचार करेंगे. […]

मिथिलेश

पटना : एनडीए के दो घटक जदयू और भाजपा के बीच रिश्तों की खटास की भविष्यवाणी कर रहे विपक्ष को लोजपा ने नकार दिया है. लाेजपा के सांसद पशुपति कुमार पारस ने कहा कि जदयू और भाजपा के बीच कोई खटास नहीं है. तीनों ही दल समस्तीपुर में लोजपा उम्मीदवार के लिए प्रचार करेंगे.

पारस का यह बयान वैसे समय आया है कि जब दोनों दलों के नेताओं के बीच जुबानी जंग चल रही है. लोजपा की बेचैनी समस्तीपुर लोकसभा सीट के लिए हो रहे उपचुनाव को लेकर भी देखी जा रही है. रामचंद्र पासवान के निधन से खाली सीट पर लाेजपा ने उनके बेटे प्रिंसराज को उम्मीदवार बनाया है. लोजपा जानती है कि जब तक एनडीए के तीनों घटक दल मिलकर अपनी ताकत नहीं लगायेंगे, जीत मुश्किल है.
इसलिए पार्टी फिलहाल समस्तीपुर पर फोकस कर रही है. समस्तीपुर में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ संजय जायसवाल की गुरुवार को चुनावी सभा हुई है. जदयू सूत्र बताते हैं कि जल्द ही यहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भी चुनावी सभा आयोजित होगी.
  • दावा, तीनों दलों के नेता करेंगे समस्तीपुर में चुनाव प्रचार
  • रामविलास पासवान ने भी 1991 में किया था रोसड़ा का प्रतिनिधित्व
  • कांग्रेसी उम्मीदवार डाॅ अशोक कुमार पांचवीं बार हैं लोकसभा चुनाव के मैदान में
पारस ने कहा, जदयू-भाजपा के रिश्तों में नहीं है कोई खटास
समस्तीपुर लोकसभा का चुनाव लोजपा के लिए नया नहीं है. परिसीमन के पहले यह क्षेत्र रोसड़ा सुरक्षित के नाम से जाना जाता था. लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान ने भी यहां का प्रतिनिधित्व किया है. 1991 के आम चुनाव में रामविलास पासवान जनता दल के टिकट पर यहां उम्मीदवार थे.
उन्होंने कांग्रेस के डाॅ अशोक कुमार को भारी मतों से पराजित किया था. डाॅ अशोक कुमार की अगली भिड़ंत 2009 में रामचंद्र पासवान से हुई. अशोक तीसरे स्थान पर रहे. डाॅ अशोक कुमार के लिए यह पांचवां लोकसभा चुनाव है.
1980 के मध्यावधि चुनाव में उनके पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री बालेश्वर राम विजयी हुए थे. 1984 में भी यहां कांग्रेस जीती, पर उसके बाद कांग्रेस की दाल यहां नहीं गली. डाॅ अशोक कुमार 1991 के बाद 2009, 2014 व 2019 के आम चुनाव में भी समस्तीपुर से कांग्रेस की टिकट पर उम्मीदवार बनाये गये और उनका मुकाबला पासवान बंधुओं से होता रहा.
इस बार मुकाबले में पासवान बंधुओं की अगली पीढ़ी है. इस साल अप्रैल-मई के लोकसभा चुनाव में लोजपा उम्मीदवार को सभी विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त मिली थी. समस्तीपुर सुरक्षित लोकसभा सीट के तहत कुशेश्वर स्थान, हायाघाट, कल्याणपुर, वारिसनगर, समस्तीपुर और रोसड़ा विधानसभा क्षेत्र आते हैं.

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