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बालू घाटों की बंदोबस्ती इस सप्ताह से होगी शुरू

पटना : राज्य में बालू के लिए नदी घाटों की नयी बंदोबस्ती प्रक्रिया इस सप्ताह शुरू हो जायेगी. इसके तहत चार सौ से अधिक नदी घाटों की बंदोबस्ती की जायेगी. पुरानी बंदोबस्ती की समय सीमा 31 दिसंबर, 2019 को खत्म हो रही है. वहीं नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश से नदी घाटों के खनन पर […]

पटना : राज्य में बालू के लिए नदी घाटों की नयी बंदोबस्ती प्रक्रिया इस सप्ताह शुरू हो जायेगी. इसके तहत चार सौ से अधिक नदी घाटों की बंदोबस्ती की जायेगी. पुरानी बंदोबस्ती की समय सीमा 31 दिसंबर, 2019 को खत्म हो रही है. वहीं नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश से नदी घाटों के खनन पर लगे प्रतिबंध की समय सीमा 30 सितंबर को खत्म हो रही है. इसके बाद नदियों से बालू खनन शुरू होने से राज्य में बालू की उपलब्धता बढ़ जायेगी.

खान एवं भूतत्व विभाग के सूत्रों का कहना है कि बालू खनन संबंधी नयी नीति और नियमावली बनने के बाद नये सिरे से नदी घाटों की नीलामी की जायेगी. फिलहाल राज्य में दो सौ घाटों से बालू का उठाव किया जा रहा है.
नयी बालू नीति के आने से बालू उठाव वाले घाटों की संख्या बढ़कर चार सौ को पार कर जायेगी. इस नीलामी में चयनित नदी घाटों की बंदोबस्ती लेने वाले ठेकेदारों को खनन के लिए माइनिंग प्लान बनाकर उसपर सरकार की स्वीकृति लेनी आवश्यक होगी. इसका मकसद नदियों और पर्यावरण की सुरक्षा को ध्यान में रखना है.
खत्म होगा एकाधिकार
एक व्यक्ति या कंपनी को अधिकतम दो सौ हेक्टेयर क्षेत्र की बंदोबस्ती मिलेगी. यदि एक ही घाट 200 हेक्टेयर क्षेत्र का है तो तो संबंधित व्यक्ति या कंपनी को दूसरे घाट की बंदोबस्ती नहीं मिलेगी.इसका मकसद बालू व्यवसाय पर एकाधिकार खत्म करना है. पुरानी नीति में एक ही व्यक्ति अथवा संस्था द्वारा कई बालू घाटों की बंदोबस्ती ली जाती थी. अगर कोई दो घाट लेता भी है तो उसका क्षेत्र 200 हेक्टेयर से अधिक नहीं होगा.
बढ़ेगा राजस्व
नयी नियमावली में राज्य में बालू की रॉयल्टी में प्रति घनमीटर करीब डेढ़ गुना बढ़ोतरी कर दी गयी है. यह एक जनवरी 2020 से लागू होगी. इसका मकसद बालू से सरकार को होने वाली आमदनी में बढ़ोतरी करना है. वहीं बालू घाटों की संख्या बढ़ने से भी सरकार को बालू से मिलने वाले राजस्व में बढ़ोतरी होगी. पिछले साल सरकार को करीब सात अरब 67 करोड़ 40 लाख 68 हजार रुपये राजस्व मिला था.

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