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पटना : रजनीगंधा समेत 12 तरह के पान मसालों की बिक्री पर रोक
पटना : राज्य में 12 प्रकार के बिकनेवाले पान मसालों के उत्पादन, बिक्री, भंडारण और वितरण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गयी है. रजनीगंधा, राज निवास, सुप्रीम पान पराग, पान पराग, बहार, बाहुबली, राजश्री, रौनक, सिग्नेचर , पैसन, कमला पसंद और मधु पान मसाले पर प्रतिबंध लगाया गया है. प्रतिबंध लगाने के साथ […]
पटना : राज्य में 12 प्रकार के बिकनेवाले पान मसालों के उत्पादन, बिक्री, भंडारण और वितरण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गयी है. रजनीगंधा, राज निवास, सुप्रीम पान पराग, पान पराग, बहार, बाहुबली, राजश्री, रौनक, सिग्नेचर , पैसन, कमला पसंद और मधु पान मसाले पर प्रतिबंध लगाया गया है.
प्रतिबंध लगाने के साथ ही राज्य के सभी डीएम, एसपी, प्रमंडलीय आयुक्त व सिविल सर्जनों को इसे प्रभावी तरीके से लागू करने का निर्देश दिया गया है. राज्य में पूर्ण शराबबंदी के बाद खाद्य संरक्षा आयुक्त सह स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार की ओर से लोगों के स्वास्थ्य पर पड़नेवाले दुष्प्रभावों के कारण यह आदेश जारी किया गया है. आदेश में बताया गया है कि राज्य में विभिन्न ब्रांड के पान मसालों के 20 सैंपल की जांच करायी गयी है.
इसका विश्लेषण करने पर पाया गया कि इन मसालों में मैगनेशियम कार्बोंनेट के तत्व पाये गये हैं. इन तत्वों से सेवन करनेवालों में हाइपरमैगनेसिया और हृदयाघात की आशंका रहती है. इसे देखते हुए इन सभी पान मसालों पर तत्काल प्रभाव से एक साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है.
तंबाकू नियंत्रण के क्षेत्र में काम करनेवाली संस्था सीड्स के कार्यपालक निदेशक दीपक मिश्रा ने बताया कि महाराष्ट्र के बाद बिहार देश का दूसरा ऐसा राज्य बन गया है जहां पर सादा पान मसाला पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है.
उन्होंने बताया कि पहली बार बिहार में तंबाकू युक्त गुटखा पर 30 मई, 2013 को प्रतिबंध लगाया गया था. इसके बाद सात नवंबर, 2014 से राज्य में सभी तरह के तंबाकू पदार्थों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया था. गुटखा उत्पादन करनेवाली कंपनियों ने कानून को झांसे में रखने के लिए सादा पान मसाला के नाम पर विभिन्न ब्रांड मार्केट में बेचना शुरू कर दिया था.
प्रतिबंध की अगले सप्ताह समीक्षा : मुख्य सचिव
पटना : मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बताया कि राज्य में शुक्रवार से पान मसाले पर प्रतिबंध सख्ती से लागू किया जायेगा. उन्होंने बताया कि इसकी समीक्षा अगले सप्ताह की जायेगी. पान मसाले में हानिकारक तत्वों के कारण राज्य के लोगों की सेहत को नुकसान से बचाने के लिए यह कदम उठाया गया है. उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा जिन पदार्थों पर रोक लगायी गयी है उन सभी को गंभीरता से लागू किया जा रहा है. समस्तीपुर सहित अन्य जिलों में तंबाकू की खेती पर पड़नेवाले प्रभावों को लेकर पूछे गये सवालों पर मुख्य सचिव ने कहा कि वह महत्वपूर्ण पहलू है.
उसका भी कैसे रास्ता निकाला जायेगा,इस पर भी विचार किया जायेगा. मुख्य सचिव ने बताया कि सीएफएमएस के लागू होने के बाद विभागों द्वारा राशि की निकासी में कुछ दिक्कतें आयी थीं. अब इसमें सुधार कर लिया गया है. सीएफएमएस के कारण दो-तीन माह तक अधिक परेशानी आयी. इस दौरान तकनीकी परेशानी आने से खर्च की रफ्तार धीमी थी. इसमें सुधार हो गया है. अगस्त महीने में खर्च की रफ्तार तेज हुई है. अभी तक राज्य में सभी विभागों द्वारा महज 7.7 प्रतिशत राशि ही खर्च की गयी है. आगामी छह माह में सभी विभागों को अपनी आवंटित राशि को खर्च करना है.
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