पटना : शेयर बाजार में सोमवार का दिन निवेशकों का दिन काला रहा. शुक्रवार और सोमवार दो दिन मिलाकर के निवेशकों के 200 करोड़ रुपये से ज्यादा की चपत लग गयी. इसके कारण निवेशकों में काफी निराश है और फिलहाल बाजार से दूर रहने में ही अपनी भलाई समझ रहे हैं.
सप्ताह का पहला कारोबारी दिन भारतीय राजनीति के लिहाज से ऐतिहासिक रहा, लेकिन इस वजह से शेयर बाजार में बिकवाली का दौर देखने को मिला. सोमवार को सेंसेक्स में 418 अंकों से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली.
वहीं निफ्टी 5 महीने के निचले स्तर यानी 10862 के नीचे बंद हुआ. कारोबारियों की मानें तो बिहार के निवेशक शेयर बाजार में अधिक निवेश कर रखा है. इसलिए उन्हें अधिक नुकसान हुआ है. वहीं म्यूचुअल फंड के निवेशक इससे वंचित नहीं है.
उन्हें भी लगातार नुकसान हो रहा है. बाजार विशेषज्ञ राजीव पंकज लोचन ने बताया कि तकनीकी तौर पर निफ्टी 10862 पर मजबूती समर्थन है तो यहां से उछाल आ सकता है. कश्मीर का बाजार पर सकारात्मक असर पड़ेगा. उनके अनुसार इस गिरावट का असर म्यूचुअल फंड पर पड़ता है., लेकिन शेयर बाजार की तुलना में कम पड़ता है. शेयर बाजार में 10% से अधिक गिरावट देखा जा रहा है. जबकि म्यूचुअल फंड में लगभग 6% की गिरावट देखी जा रही है.
कश्मीर मुद्दे के कारण बाजार में रहा हड़कंप
शेयर बाजार के जानकार शशि चरण पहाड़ी के अनुसार जम्मू कश्मीर मुद्दों के कारण भारतीय शेयर बाजार में आज दिनभर हड़कंप का माहौल रहा. विदेशी संस्थागतबिकवाली होने के साथ-साथ रुपये कमजोर होने के कारण बाजार दबाव में रहा. मूल्य भाव से लगभग 50 फीसदी गिरावट वाले ब्लू चीप कंपनियों के शेयर निवेश करना उत्तम होगा. पिछले ग्राफ को देखते है तब वर्ष 2009 और 2010 के दौरान गिरावट में निवेश किये गये मूल्य 68 फीसदी मुनाफा दिया है.
वहीं 2013 -14 में गिरावट के दौरान किये गये में लगभग 64 फीसदी का रिटर्न दिया. बाजार फिलहाल किस करवट जायेगा यह कहना काफी मुश्किल है. देश में अचानक राजनीति अस्थिरता आने का असर शेयर बाजार पर पड़ेगा.
