पटना : बिहार में िवधानसभा उपचुनाव को लेकर तैयारी शुरू कर दी है. लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा की किशनगंज, सिमरी बख्तियारपुर, दरौंदा, नाथनगर व बेलहर सीटें िरक्त हो गयी हैं.
कांग्रेस के पदाधिकारी ही इन पांचों सीटों के लिए मजबूत उम्मीदवार हैं. इसलिए, पार्टी इन सभी सीटों पर दावेदारी करेगी. उपचुनाव में कांग्रेस सिर्फ महागठबंधन के अंदर राजद के साथ सीटों के तालमेल पर विचार कर सकती है. पार्टी के नेता उपचुनाव में रालोसपा, हम और वीआइपी को एक भी सीट देने के मूड में नहीं हैं.
लोकसभा चुनावी परिणाम आने के बाद कांग्रेस नेताओं द्वारा हार की वजह महागठबंधन को माना गया. लोकसभा चुनाव में सिर्फ नौ सीटों पर संतोष कर बैठी कांग्रेस विधानसभा उपचुनाव को लेकर गंभीर है. इसके लिए पार्टी के पास ठोस आधार भी हैं. एनडीए की आंधी में बिहार में किशनगंज सीट पर कांग्रेस ने जीतकर अपनी साख बचा ली. चुनाव हारने के बाद भी पार्टी के मतों में गिरावट नहीं है. लोकसभा चुनाव में महागठबंधन के घटक दलों के खाते में एक भी सीट नहीं गयी.
पार्टी पदाधिकारियों का मानना है कि विधानसभा उपचुनाव होता है, तो पार्टी पांच सीटों के बंटवारे में सामाजिक समीकरण को ध्यान में रखेगी. इसमें किशनगंज और सिमरी बख्तियारपुर में किसी अल्पसंख्यक प्रत्याशी, दरौंदा में सवर्ण, नाथनगर में पिछड़ा वर्ग या सवर्ण और बेलहर में भी पिछड़ा वर्ग के नेता को प्रत्याशी बनाया जा सकता है. कांग्रेस के नेता अंदर ही अंदर इसकी तैयारी कर रहे हैं.