बिहार विनियोग (संख्या तीन) को सदन की मिली स्वीकृति
पटना : बिहार विधानसभा द्वारा मंगलवार को वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए कुल 14 हजार 330 करोड़ छह लाख 57 हजार के प्रथम अनुपूरक बजट को स्वीकृति दे दी गयी.
साथ ही सदन ने इससे संबंधित बिहार विनियोग (संख्या-3) को भी स्वीकृति दे दी. सदन में प्रथम अनुपूरक बजट में शामिल विभागों में ग्रामीण कार्य विभाग पर वाद विवाद हुआ. शेष विभागों के बजट को उसके साथ गिलोटिन विधि से पारित कर दिया गया.
ग्रामीण कार्य मंत्री शैलेश कुमार ने सदन को बताया कि इस वर्ष बारिश के कारण राज्य की 22 जिलों के 1816 सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं. बाढ़ के कारण 32 पुल भी क्षतिग्रस्त हुए हैं.
इन सभी पथों का निर्माण जल्द पूरा कर लिया जायेगा. उन्होंने बताया कि राज्य में पथों की कुल लंबाई एक लाख 44 हजार 425 किलोमीटर है. इसमें 20 हजार 68 किलोमीटर (14 प्रतिशत) सड़कें राष्ट्रीय उच्च पथ, स्टेट हाइवे, नगर निगम व नगर परिषद के तहत आती हैं. शेष एक लाख 37 हजार 357 किलोमीटर सड़क, जो 86 प्रतिशत है, वह ग्रामीण पथों में शामिल हैं. ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा राज्य में 90 हजार 484 किलोमीटर सड़कों के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसमें से 16 हजार 913 किलोमीटर सड़कों के निर्माण का कार्य प्रगति पर है.
राज्य में एक लाख 25 हजार 687 बसावटें हैं. इनमें से एक लाख 430 बसावटों को संपर्कता दिया जा चुका है. शेष 25 हजार 257 बसावटों को संपर्कता दिया जाना है. ग्रामीण कार्य विभाग के बजट पर रामदेव राय, राजेश कुमार, विजय प्रकाश द्वारा कटौती प्रस्ताव लाया गया था. रामदेव राय ने कटौती प्रस्ताव रखते हुए कहा कि सड़कों के निर्माण में वितरण की समानता नहीं है. साथ ही सड़कों के निर्माण में गुणवत्ता नहीं है. विपक्ष के सदन बहिष्कार के बीच प्रथम अनुपूरक व्यय विवरणी को ध्वनि मत से पारित कर दिया गया.
