पटना : मुंगेर से एके 47 बरामदगी मामले में पूर्व विधान पार्षद हुलास पांडेय व उनके भाई संतोष पांडेय समेत अन्य परिजनों व रिश्तेदारों के यहां हाल में एनआइए की हुई छापेमारी में बैंकिंग लेन-देन से जुड़े काफी सबूत मिले हैं. इसके अलावा लैपटॉप और कंप्यूटर की जांच में भी मनी लॉन्ड्रिंग या आपराधिक गतिविधि से पैसे कमाने के कई सबूत मिले हैं. इस आधार पर यह मामला इडी (प्रवर्तन निदेशालय) को भी ट्रांसफर हो सकता है.
इस मामले में इडी भी अपने यहां इसीआइआर (इन्फोर्समेंट केस इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट) कभी भी दर्ज करके इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े तमाम पहलू की जांच शुरू कर सकता है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अवैध एके-47 की अन्य हथियारों की तस्करी और कुछ अन्य आपराधिक गतिविधियों में गलत तरीके से काफी पैसे कमाने का मामला सामने आया है. फिलहाल यह जांच चल रही है कि गलत तरीके से कुल कितने की अवैध संपत्ति इस पूर्व एमएलसी, उनके परिजनों और उनसे जुड़े अन्य साथियों ने कमाया है. इसकी जांच पूरी होने के बाद केस पुख्ता तरीके से दर्ज हो जायेगा.
एनआइए की छापेमारी से पहले हुलास पांडेय के दो ठिकानों पटना और वाराणसी में आयकर विभाग ने भी टैक्स चोरी और अवैध संपत्ति के मामले में छापेमारी की थी. इस दौरान भी कई फर्जी कंपनियों के माध्यम से बालू की माफियागिरी और अन्य गैर-कानूनी तरीके से पैसे कमाने का मामला सामने आया था. अवैध तरीके से कमाये इन पैसों पर किसी तरह का कोई टैक्स भी नहीं दिया गया था.
इस मामले को भी इडी अवैध संपत्ति की जांच में आधार बना सकता है. हाल में एनआइए की छापेमारी में हथियारों की लेन-देन में भी अवैध कमाई की बात सामने आयी है. इस आधार पर इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा मामला पूरी तरह से बनता लगता है और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले की जांच विशेष तौर से इडी ही करता है.