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बिक्रम : भीषण गर्मी में 12 फुट तक नीचे गया पानी का लेयर

सूख गये हैं कुएं, ताल-तलैये और आहर-पइन, चापकल व बोरिंग नहीं उलीच पा रहे हैं पानी, मचा हाहाकार मोकामा में टाल की नदियों का पानी सूखा बिक्रम : भीषण गर्मी कहर बरपा रही है. इसका असर जनजीवन पर पड़ रहा है. प्रखंड क्षेत्र में आहार,पइन व पोखरा सूख जाने से क्षेत्र के असपुरा, बेनी बिगहा,महजपुरा, […]

सूख गये हैं कुएं, ताल-तलैये और आहर-पइन, चापकल व बोरिंग नहीं उलीच पा रहे हैं पानी, मचा हाहाकार
मोकामा में टाल की नदियों का पानी सूखा
बिक्रम : भीषण गर्मी कहर बरपा रही है. इसका असर जनजीवन पर पड़ रहा है. प्रखंड क्षेत्र में आहार,पइन व पोखरा सूख जाने से क्षेत्र के असपुरा, बेनी बिगहा,महजपुरा, बिक्रम,खोरैठा,सुंदरपुर, कनपा, सैदाबाद व पतूत में जल स्तर काफी नीचे चला गया है.
इस कारण इस भीषण गर्मी में पूरा प्रखंड पेयजल संकट से जूझ रहा है.दो दशक पूर्व नहर, आहार-पइन व तालाब में पानी लबालब भरा हुआ रहता था. आहर में पानी रहने के कारण बिक्रम में जल स्तर 30 से 35 फुट रहता था और पानी की दिक्कत नहीं होती थी. आज आहर-पइन उड़ाही नहीं होने के कारण भर गये हैं. लोगों ने आहर को भरकर उस पर पक्का मकान बना लिया है. इसके कारण क्षेत्र में आहर-पइन का अस्तित्व ही मिट गया है. इस कारण पानी की समस्या बढ़ गयी है.
दुल्हिनबाजार. इस वर्ष प्रखंड के सभी इलाकों का भू-जल स्तर अनुमानित औसतन 10 से 12 फुट नीचे चला गया है. इससे जल संकट गहरा गया है.
पिछले वर्ष भी इस इलाके में जल स्तर पांच से छह फुट नीचे चले जाने से जल संकट हो गया था. इस कारण कई चापाकल भी बेकार हो गये हैं. मनेर. भीषण गर्मी के मनेर प्रखंड के ताल-तलैये सूख गये हैं. जल स्तर दस फुट तक नीचे चला गया है. इस कारण प्रखंड में पानी की किल्लत हो गयी है. मनेर नगर सहित 19 पंचायतों के लोग परेशान हैं.
पालीगंज. जल संकट धीरे-धीरे विकराल रूप लेता जा रहा है. पारा 46 डिग्री तक पहुंचने से जल स्तर छह फुट तक नीचे चला गया है. ज्यादातर चापाकल ने पानी देना बंद कर दिया है.
दूसरी ओर फीटर से खेत पटवन होने से भी वहां का जल स्तर तेजी से गिर रहा है. इस कारण गांव वालों ने पटवन करने वाले किसानों को दिन में फीटर चलाने नहीं चलाने का अनुरोध किया है. दूसरी ओर, इस इलाके में सोन नदी से बालू निकासी ज्यादा होने से भी जल स्तर नीचे जा रहा है. इलाके में अब तक चार से छह फुट तक जल स्तर नीचे चला गया है. पीएचइडी के जेइ विभूति सिंह ने कहा कि जल स्तर गिरने से चापाकल खराब हो रहे हैं.
दानापुर. भीषण गर्मी में नगर पर्षद के 40 वार्डों में करीब पांच लाख आबादी पेयजल संकट जूझ रही है. मात्र 15 जलापूर्ति पंपों के भरोसे वाटर सप्लाइ होता है. भीषण गर्मी में जल स्तर करीब 8-10 फुट नीचे चले जाने से पंप नहीं उलीच पा रहे हैं.
मोकामा. बढ़ती गर्मी के बीच मोकामा के कई इलाके में पानी की किल्लत से लोग परेशान हैं. नगर पर्षद क्षेत्र में वार्ड संख्या 22 से 28 तक पाइप लाइन से पानी की आपूर्ति बाधित है. लोगों का कहना है कि चापाकल से पानी की व्यवस्था करनी पड़ती है. जल स्तर 10 से 12 फुट नीचे चला गया है.
जल स्तर नीचे जाने से कई चापाकल भी दम तोड़ चुके हैं. कुएं सूख गये हैं. ताल-तलैयों का भी यही हाल है.इधर टाल इलाके में सम्यागढ़ के कई वार्डों में भी पानी किल्लत है.टाल इलाके के अन्य गांवों में भी पेयजल की कमोवेश यही स्थिति है.टाल की नदियों का पानी सूख चुका है. इस कारण इस भीषण गर्मी में लोग पानी के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं.

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