पटना : नगर निगम में वार्डों की संख्या 75 है. इन वार्डों में नियमित मच्छर मारने के लिए सिर्फ 10 फॉगिंग मशीनें थीं. इससे किसी वार्ड में नियमित मच्छर मारने की दवा का छिड़काव नहीं किया जा रहा था. इससे सामान्य रूप से मच्छर का प्रकोप बरकरार था. हालांकि, अब निगम प्रशासन की ओर से वार्ड स्तर पर रोजाना मच्छर मारने की दवा का छिड़काव कराया जायेगा.
इसको लेकर 150 फॉगिंग मशीनों की खरीदारी की जा रही है. इसमें 75 हैंड फॉगिंग मशीनों की आपूर्ति हो गयी है और 75 बड़ी मशीनों की आपूर्ति 10 दिनों के भीतर हो जायेगी.
रोटेशन पर नहीं होगा मच्छर मारने की दवा का छिड़काव : निगम प्रशासन ने वार्ड स्तर पर दो मशीनों की व्यवस्था सुनिश्चित की है. इसमें एक हैंड मशीन व दूसरी बड़ी मशीन शामिल है. हैंड मशीन के सहयोग से गलियों और बड़ी मशीन के सहयोग से चौड़ी सड़कों पर दवा का छिड़काव किया जायेगा. इन दो मशीनों के माध्यम से वार्ड की एक-एक गलियों व चौड़ी सड़कों पर रोजाना मच्छर मारने की दवा का छिड़काव सुनिश्चित किया जायेगा.
निजी एजेंसी करेगी दवा की आपूर्ति
अमूमन देखा जाता है कि मच्छर मारने की दवा की आपूर्ति नहीं होने से छिड़काव बाधित हो जाता है. अंचल कार्यालय में दवा नहीं होने से रोटेशन पर भी छिड़काव मुश्किल था. इस समस्या को देखते हुए नगर आयुक्त अनुपम कुमार सुमन ने निर्णय लिया कि सभी अंचलों में एक निजी एजेंसी दवा की आपूर्ति सुनिश्चित करेगी. इसको लेकर निजी एजेंसी चयनित की जा रही है. चयनित एजेंसी को सिर्फ दवा खत्म होने की सूचना मिलते ही अंचल कार्यालय में दवा आपूर्ति सुनिश्चित करेगी.
बढ़ा हुआ है मच्छरों का प्रकोप
निगम क्षेत्र में नियमित मच्छर मारने की दवा का छिड़काव नहीं होने से मच्छर का प्रकोप बढ़ा हुआ है. बारिश खत्म होने पर डेंगू का प्रकोप भी बढ़ जाता है. इसको लेकर 150 मशीनें खरीदी जा रही है, ताकि नियमित वार्ड स्तर पर दवा का छिड़काव सुनिश्चित किया जा सके.
सीता साहू, मेयर, नगर निगम
