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पटना : दिल्ली एम्स की तरह विकसित किया जायेगा आइजीआइएमएस : नीतीश कुमार

अगले साल से राज्य की हर पंचायत में शुरू होगी नौवीं की पढ़ाई पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार में इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस) के 500 बेडों के नये अस्पताल का शिलान्यास किया. समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली एम्स की तरह आइजीएमएस को विकसित किया जायेगा. इसकी कुल क्षमता 2500 बेडों […]

अगले साल से राज्य की हर पंचायत में शुरू होगी नौवीं की पढ़ाई
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार में इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस) के 500 बेडों के नये अस्पताल का शिलान्यास किया. समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली एम्स की तरह आइजीएमएस को विकसित किया जायेगा. इसकी कुल क्षमता 2500 बेडों की होगी. 1200 बेडों के अस्पताल की डीपीआर तैयार हो गयी है. पीएमसीएच को भी 5400 बेडों का अस्पताल बनाने की स्वीकृति दे दी गयी है. देश में अभी इतने अधिक बेडों का कोई अस्पताल नहीं है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा में स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार के सूत्र छिपे हैं. बालिका शिक्षा से प्रजनन दर में कमी आयी है. अगले साल से हर पंचायत में नौवीं क्लास की पढ़ाई शुरू हो जायेगी. राज्य की छह हजार पंचायतों में हाइस्कूल खोले जा चुके हैं.
उन्होंने बताया कि 2012 में सर्वेक्षण में यह पाया गया था कि राज्य में मैट्रिक पास महिलाओं में प्रजनन दर वही थी, जो राष्ट्रीय स्तर की थी. लेकिन राज्य की इंटर पास महिलाओं में प्रजनन दर राष्ट्रीय स्तर से भी कम थी. राज्य का क्षेत्रफल तो 94 हजार वर्ग किलोमीटर ही है, जबकि हर 10 साल के बाद जनसंख्या 23-24% वृद्धि हो जाती है. बालिका शिक्षा से जनसंख्या वृद्धि रोकने का फाॅर्मूला किसी यूरेका से कम नहीं है. बढ़ती आबादी के कारण गांवों में भी खेती की जमीन पर अब घर बनता जा रहा है.
नीतीश कुमार ने आइजीआइएमएस के निदेशक और डॉक्टरों से अपील की कि वह संस्थान को रिसर्च सेंटर के रूप में विकसित करें. यह संस्थान गुणवत्ता व रिसर्च में एम्स के स्टैंडर्ड का होना चाहिए. सरकार का निर्णय है कि अब जो भी नया अस्पताल, स्कूल या कार्यालय का भवन बनेगा, उसके साथ ही उसके उपयोग की सभी जरूरतों की भी स्वीकृति दे दी जायेगी. इससे नवनिर्मित भवन को वर्षों उपकरणों या साज-सज्जा के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा.
मुजफ्फरपुर में बच्चों की मौत से होता है दुख
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुजफ्फरपुर में गर्मी के मौसम में बच्चों की होनेवाली मौत से बहुत ही दुख होता है. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक उच्चस्तरीय टीम जांच के लिए भेजी है. सरकार ने तीन राज्यों के विशेषज्ञों से एक एसओपी तैयार कराया था. उसके अनुसार वहां बीमार होनेवाले बच्चों का इलाज किया जाता है. इसी तरह बरसात के मौसम में गया में बच्चों की मौत की सूचना मिलती है. सरकार की ओर से बचाव के लिए हर संभव प्रयास किया जाता है.

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