चर्चाओं में हर दिन बन रही अपनी-अपनी नयी और पुरानी सरकार
राज्य की 32 लोकसभा सीटों पर आज चुनाव समाप्त हो जायेगा. इन सबके बीच मतदाताओं में उम्मीदवारों में हार-जीत पर बहस जारी है. चाय की दुकानें हों या गांव के दालान, चर्चा के बिंदु में केंद्र की नयी बनने वाली सरकार ही है. इस गपशप को फोकस कर रही दो शहरों की तस्वीर
अपने-अपने हिसाब से जीत-हार के दावे
छपरा : महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र में छठे चरण के तहत आज मतदान होगा. प्रशासन भी पुरी तरह मुस्तैद है. मतदान के एक दिन पूर्व महाराजगंज के इस लड़ाई की चर्चा हर जुबान पर है.
एकमा नगर पंचायत के गिरधारी की चाय दुकान पर चाय की चुस्कियों के साथ महाराजगंज के महासमर की चर्चा परवान चढ़ रही है. यहां कुछ बुजुर्ग बैठे हैं, जो अक्सर चाय पीने आते हैं. सबके अपने समीकरण है और सबके अपने जीत-हार के दावे हैं. महाराजगंज में सीधी लड़ाई एनडीए के जनार्दन सिंह सीग्रीवाल व महागठबंधन के रणधीर सिंह के बीच है.
यहां से निकलकर हमलोग एकमा स्टेशन पहुंचे. यहां कुछ दैनिक यात्री है इनके जुबान पर भी चर्चा महाराजगंज के लड़ाई की है. यहां भी अपने हिसाब से जीत-हार के दावे हो रहे हैं. यहां कुछ लोगों से हमने बात की. लोगो ने बताया कि लड़ाई काफी कड़ी है. जीत-हार का अंतर बहुत ही कम रहने वाला है. एकमा से चलकर हम छपरा आ पहुंचे हैं.
यूं तो सारण संसदीय सीट के लिए मतदान 6 मई को हो चुका है. मगर छपरा जंक्शन के निकट चाय दुकान पर भी महाराजगंज के लड़ाई की चर्चा है. अब हम छपरा के ह्रदय स्थली कहे जाने वाले म्युनिसिपल चौक पर है. इस चौक पर राय जी की चाय दुकान है. यहां भी लोग चाय हाथ में लेकर जीत-हार का समीकरण बता रहे हैं.
पटना : 23 मई पर आकर थम जाती है चर्चा
पटना : राजधानी में मतदान में अभी भले एक सप्ताह बाकी है़. लेकिन, सचिवालय में अधिकारी से लेकर बाबू तक चुनावी चर्चा में मशगूल हैं. सचिवालय में चुनावी गणित के गुणा -भाग और जोड़-घटाव पर खूब कागजी घोड़े दौड़ रहे हैं. लंच टाइम से इस पर कुछ अधिक ही चर्चा होती है. चर्चा की समाप्ति 23 मई पर आकर होती है. 23 मई को लोकसभा चुनाव का रिजल्ट आना है.
शुक्रवार को यही कोई दो-ढाई बज रहा होगा. विकास भवन( न्यू सचिवालय) के दूसरे तल्ले पर एक कार्यालय में दो-तीन अधिकारी और कुछ बाबू लोग लंच कर रहे थे. इस बीच छिड़ गयी चुनाव की चर्चा. सबके अपने-अपने दावे और अपना-अपना गणित. कोई मोदी को पीएम बना रहा था, तो तो कोई कह रहा था इस बार कांग्रेस अच्छा करेगी.
बिहार के एक-एक सीट का विश्लेषण. एक अधिकारी कह रहे थे फलां जगह हमारे कई जानने वाले लोग हैं वे कह रहे थे कि एनडीए की हवा टाइट है तो दूसरे का तर्क था कि महागठबंधन की सबसे अधिक कोई श्योर सीट है तो वही है. यह हाल सिर्फ विकास भवन नहीं, पुराना सचिवालय और विश्वेशरैया भवन का है. यह हाल तो लंच टाइम का है. लेकिन, जब शाम को छुट्टी का वक्त होता है तो फिर चुनावी चर्चा शुरू हो
जाती है. कई लोग तो एक-एक सीट का विश्लेषण कर पूरी सीट बना चुके हैं. बाजी भी लगाया जा रहा है. कभी-कभी तो गरमा-गरम बहस भी हो जाती है. सचिवालय के बाहर लगे चाय, नास्ते व शर्बत की दुकान पर भी यही चर्चा होती है. चुनाव के कारण सचिवालयकर्मियों पर काम का बहुत अधिक बोझ नहीं है, इसलिए चुनावी चर्चा में ही
समय बीत रहा है
