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सीमांचल में महागठबंधन और एनडीए में होगी कांटे की टक्कर, जानें पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज और अररिया का हाल

पटना : राज्य के सीमांचल में चार लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज और अररिया हैं. इस बार सभी क्षेत्रों में एनडीए और महागठबंधन के उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर होने की संभावना है. एनडीए की ओर से किशनगंज, पूर्णिया और कटिहार में जदयू के प्रत्याशी चुनाव मैदन में हैं. जदयू का मुकाबला यहां […]

पटना : राज्य के सीमांचल में चार लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज और अररिया हैं. इस बार सभी क्षेत्रों में एनडीए और महागठबंधन के उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर होने की संभावना है.
एनडीए की ओर से किशनगंज, पूर्णिया और कटिहार में जदयू के प्रत्याशी चुनाव मैदन में हैं. जदयू का मुकाबला यहां कांग्रेस से है. वहीं, अररिया की सीट भाजपा पर भाजपा के प्रत्याशी प्रदीप सिंह उम्मीदवार हैं.
अररिया में भाजपा और राजद आमने-सामने है. 2014 के लोकसभा चुनाव में केवल पूर्णिया सीट से जदयू के उम्मीदवार संतोष कुमार कुशवाहा को जीत मिली थी. किशनगंज में ओवेसी फैक्टर भी चर्चा में है. जदयू ने किशनगंज में महमूद अशरफ और कटिहार से पहली बार दुलालचंद गोस्वामी को उम्मीदवार बनाया है.
इसके साथ ही इस बार महागठबंधन में कांग्रेस ने कटिहार से तारिक अनवर, पूर्णिया से उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह और किशनगंज से मो जावेद को टिकट दिया है. वहीं अररिया सीट से महागठबंधन की तरफ से राजद के उम्मीदवार स्व तस्लीमुद्दीन के पुत्र सरफराज आलम हैं.
किशनगंज : जदयू-कांग्रेस में मुकाबला
किशनगंज सीट पर जदयू के अशरफ महमूद का मुकाबला कांग्रेस के मो जावेद से हो रहा है. 2014 में हुए चुनाव में किशनगंज सीट से कांग्रेस उम्मीदवार असरार-उल-हक कासमी को चार लाख तिरानवे हजार चार सौ इकसठ वोट मिले. उन्होंने भाजपा के डॉ दिलीप कुमार जायसवाल को हराया. जदयू के अख्तारुल इमान को पचपन हजार आठ सौ बाइस वोट मिले. मौलाना असरार-उल-हक कासमी इस सीट से पहली बार वर्ष 2009 में चुनाव जीते और वर्ष 2014 में भी उन्होंने अपनी जीत बरकरार रखी. उनका निधन 7/12/ 2018 को हो गया.
कटिहार : तारिक की लड़ाई दुलालचंद से
2014 में कटिहार में राकांपा के उम्मीदवार तारिक अनवर ने भाजपा के निखिल चौधरी को हरा दिया था. तारिक अनवर को चार लाख इकतीस हजार दो सौ बेरानबे वोट मिले तो निखिल चौधरी को तीन लाख सोलह हजार पांच सौ बावन वोट मिले थे. इस चुनाव में जदयू की ओर से डॉ रामप्रकाश महतो को पार्टी प्रत्याशी बनाया गया था. इसमें डॉ महतो को एक लाख से अधिक वोट प्राप्त मिले थे. इस बार यहां एनडीए से जदयू के उम्मीदवार दुलालचंद गोस्वामी हैं.
अररिया : फिर सरफराज व प्रदीप में भिड़ंत
अररिया की सीट पर मौजूद सांसद सरफराज आलम और भाजपा के प्रदीप सिंह के बच टक्कर हो रही है. 2014 के चुनाव में इस सीट पर राजद के मो तस्लीमुद्दीन ने भाजपा के प्रदीप कुमार सिंह को हराया था.
तस्लीमुद्दीन के निधन के बाद यह सीट खाली हो गयी और मार्च 2018 में यहां उपचुनाव कराए गये, जिसमें राजद के उम्मीदवार और तस्लीमुद्दीन के बेटे सरफराज आलम विजयी रहे. उन्होंने भाजपा के प्रदीप सिंह को इकसठ हजार सात सौ अट्ठासी वोटों से हराया. अररिया में कुल मतदाता तेरह लाख ग्यारह हजार दो सौ पचीस हैं.
पूर्णिया : कुशवाहा व उदय के बीच टक्कर
पूर्णिया सीट से वर्तमान सांसद जदयू के संतोष कुमार कुशवाहा हैं. वर्ष 2014 में इस सीट पर भाजपा और जदयू उम्मीदवार अलग-अलग लड़े थे.
इस बार साथ मिलकर लड़ रहे हैं. वर्ष 2014 में जदयू के संतोष कुमार कुशवाहा ने भाजपा के उदय सिंह को हराया था. संतोष कुमार कुशवाहा को चार लाख अठारह हजार आठ सौ छब्बीस वोट मिले, जबकि भाजपा उम्मीदवार उदय सिंह को तीन लाख दो हजार एक सौ सनतावन वोट मिले. वहीं कांग्रेस के अमरनाथ तिवारी एक लाख चौबीस हजार तीन सौ चौवालीस वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे. इस बार उदय सिंह पूर्णिया में कांग्रेस के प्रत्याशी हैं.

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