पटना : 1989 में हुए नौवें लोकसभा चुनाव में संयुक्त बिहार में तीन क्षेत्रीय पार्टियों के पांच उम्मीदवार चुनाव जीतने में सफल रहे. बाकी 15 क्षेत्रीय पार्टियों के उम्मीदवार असफल रहे.
क्षेत्रीय पार्टियों में झारखंड मुक्ति मोर्चा के राजमहल सुरक्षित क्षेत्र से साइमन मरांडी, दुमका सुरक्षित क्षेत्र से शिबू सोरेन व जमशेदपुर से शैलेंद्र महतो सफल रहे. इंडियन पीपुल्स फ्रंट के आरा से रामेश्वर प्रसाद चुनाव जीते. मार्कसिष्ट को-ऑर्डिनेशन(एम-सीओआर) के धनबाद से एके रॉय कामयाब रहे. चुनाव में झामुमो के नौ, आइपीएफ के 10 व मार्कसिष्ट को-ऑर्डिनेशन(एम-सीओआर) के एकमात्र उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे. निर्दलीय उम्मीदवार का चुनाव में नहीं चला. चुनाव में भारतीय जनता पार्टी पहली बार आठ सीटों पर सफल रही. वहीं कांग्रेस को मात्र चार सीटों पर संतोष करना पड़ा था. चुनावी दंगल में जनता दल 32 सीटों पर सफल रहा.
15 क्षेत्रीय पार्टियांं रही असफल : चुनाव में क्षेत्रीय पार्टियों का नहीं चला. अमर बंगाली दो, अखिल भारतीय जनसंघ
छह, भारतीय क्रांतिकारी किसान संघ, भारतीय कृषि उद्योग संघ, भारतीय लोक कल्याण दल, दलित मुस्लिम
माइनॉरिटी सुरक्षा महासंघ, भारतीय लोकतंत्र मजदूर संघ, पीएचजे व सोशलिष्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया एक-एक सीट पर चुनाव लड़ी थी. बहुजन समाज पार्टी छह, दूरदर्शी पार्टी 47, हुल झारखंड दो, झारखंड पार्टी पांच, सोशलिष्ट पार्टी लोहिया चार व निर्दलीय 429 उम्मीदवार भाग्य आजमाये थे.
भाजपा का खिला ‘कमल’
संयुक्त बिहार में पहली बार भाजपा का कमल खिला था. पार्टी 24 में आठ सीटों पर जीतने में सफल रही. मोतिहारी से राधामोहन सिंह, सीवान से जनार्दन तिवारी, गोड्डा से जनार्दन यादव, पटना से शैलेंद्रनाथ श्रीवास्तव, कोडरमा से रीतलाल वर्मा, गिरिडीह से रामदास सिंह व खूंटी सुरक्षित क्षेत्र से करिया मुंडा सफल रहे. कांग्रेस को 54 में चार सीट पर संतोष करना पड़ा था. किशनगंज से एमजे अकबर, नालंदा से रामसरूप प्रसाद, सिंहभूम सुरक्षित से बगून सुमब्रूइ व लोहरदगा सुरक्षित से सूमि ओरांव जीतीं. सीपीआइ के 12 में चार चुनाव जीते.
इसमें मधुबनी से भोगेंद्र झा, बलिया से सूर्यनारायण सिंह, बक्सर से तेजनारायण सिंह व जहानाबाद से रामाश्रय प्रसाद सिंह कामयाब रहे. सीपीएम के प्रेम प्रदीप नवादा सुरक्षित सीट से चुनाव जीते. सबसे अधिक जनता दल के 38 में 32 उम्मीदवार सफल रहे.
