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पटना : चार लाख का बकाया दिखा शव को रोका
पाटलिपुत्र स्थित एक निजी अस्पताल ने दो दिनों तक रखा बंधक पटना : पाटलिपुत्र स्थित एक निजी अस्पताल ने बकाया पैसे नहीं मिलने पर मरीज के शव को दो दिनों तक रोके रखा. बाद में मामला बढ़ने और पुलिस के द्वारा बीच-बचाव करने पर 10 हजार रुपये लेकर बच्चे के शव को छोड़ा गया. विदित […]
पाटलिपुत्र स्थित एक निजी अस्पताल ने दो दिनों तक रखा बंधक
पटना : पाटलिपुत्र स्थित एक निजी अस्पताल ने बकाया पैसे नहीं मिलने पर मरीज के शव को दो दिनों तक रोके रखा. बाद में मामला बढ़ने और पुलिस के द्वारा बीच-बचाव करने पर 10 हजार रुपये लेकर बच्चे के शव को छोड़ा गया.
विदित हो कि 24 वर्षीय कन्हैया कुमार राजगीर में हुए सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गया था. वारसलीगंज, नवादा के ठेड़ी पंचायत के मूल निवासी कन्हैया के परिजनों का आरोप है कि पीएमसीएच में इलाज के दौरान विवादित निजी अस्पताल के दलाल ने मरीजों के परिजनों को यह कह कर प्रलोभन दिया कि अगर वे 2.5 लाख रुपया खर्च करेंगे, तो मरीज को चला कर उसके घर भेजा जायेगा. पिछले 20 दिनों के दौरान वे छह लाख रुपये अस्पताल को दे चुके. इसके बावजूद भी मरीज का पैर ठीक नहीं हुआ.
दो दिन पहले से जब मरीज से लोगो को मिलने से रोक दिया गया तो संदेह भड़का. परिजनों ने डिस्चार्ज करने को कहा तो मालूम हुआ कि दो दिन पहले ही वह मर चुका था. उसके मरने के बाद भी चार लाख का बकाया बिल रहने की बात कर परिजनों को लाश नहीं ले जाने दे रहा था़ जबकि, परिजन यह कह कर असमर्थता व्यक्त कर रहे थे कि पिछली रकम को ही उन्होंने चंदा करके चुकाया था.
अब और पैसा देना उनके बूते से बाहर है. बाद में मामला की जानकारी जदयू युवा प्रकोष्ट के प्रदेश उपाध्यक्ष ज्योति कुमार पांडेय व अरुण कुमार को हुई और उनके दबाव के बाद पाटलिपुत्र थाने ने मामला में हस्तक्षेप किया. थाने के एक इंस्पेक्टर द्वारा मध्यस्तता करने पर यह तय हुआ कि मरीज के परिजन चार लाख की जगह10 हजार अस्पताल को देें व शव को ले जायें.
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