पटना : लोकसभा चुनाव का बिगुल निर्वाचन आयोग ने बजा दिया है. लोकतंत्र के इस पर्व में राजनीतिक दलों की चाल फूंक-फूंक कर चलने जैसी हो गयी है. अभी तक सीटों की घोषणा नहीं हुई. यह माना जा रहा है कि प्रत्याशियों के अंदर चाहे जितनी बेताबी हो, राजनीतिक दल किसी भी प्रत्याशी को रंगों […]
पटना : लोकसभा चुनाव का बिगुल निर्वाचन आयोग ने बजा दिया है. लोकतंत्र के इस पर्व में राजनीतिक दलों की चाल फूंक-फूंक कर चलने जैसी हो गयी है. अभी तक सीटों की घोषणा नहीं हुई. यह माना जा रहा है कि प्रत्याशियों के अंदर चाहे जितनी बेताबी हो, राजनीतिक दल किसी भी प्रत्याशी को रंगों के त्योहार होली को फीका नहीं करना चाहते हैं. होली के पहले अगर प्रत्याशियों के नामों की घोषणा होती है, तो चुनिंदा नेताओं की होली मनेगी. जबकि, बाकी के लिए यह चुनाव होलिका दहन जैसा बन जायेगा.
हर सीट पर कई-कई दावेदार
बिहार में लोकसभा की कुल 40 सीटें हैं. चुनाव में हर सीट पर कई-कई दावेदार हैं. चाहे वह एनडीए हो या महागठबंधन. प्रत्याशियों के नाम पर दोनों ने अपनी जुबान दबा ली है. इधर पहले चरण का नामांकन सोमवार से आरंभ हो रहा है. पहले चरण के नामांकन की अंतिम तिथि 25 मार्च निर्धारित की गयी है.
किसी भी दल के प्रत्याशी को 25 तक नामांकन दाखिल करने का मौका है. ऐसे में चार-छह दिन बाद ही प्रत्याशियों के नामों की घोषणा करने में हर्ज ही क्या है. इधर, होली 20 व 21 मार्च को होगी. ऐसे में कोई भी दल यह नहीं चाहता है कि प्रत्याशियों की घोषणा करे. अगर प्रत्याशियों के नामों की घोषणा होती है तो स्वाभाविक है कि इससे कई नेताओं के साथ उनके हजारों समर्थकों में मायूसी छा जायेगा.
ऐसी स्थिति में बेटिकट उम्मीदवार चाह कर भी होली नहीं मना सकते है. अभी तक उनके समर्थकों को भी भरोसा दिख रहा है कि उनके नेताजी को टिकट मिल जायेगा.