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पटना : कचरा प्रबंधन को डीएम की अध्यक्षता में बनेगी कमेटी
पटना : नगर विकास एवं आवास विभाग ने मंगलवार को बिहार नगरपालिका ठोस अपशिष्ट प्रबंधन मॉडल उपविधि 2019 को प्रशासनिक स्वीकृति दे दी. इसके अनुसार किसी भी नगर निकाय में यह सुनिश्चित किया जायेगा कि ठोस कचरा के संग्रह के बाद उसको कोई भी सफाईकर्मी नहीं जलायेगा. इसे राज्य भर में औद्योगिक टाउनशिप, रेलवे, एयरपोर्ट, […]
पटना : नगर विकास एवं आवास विभाग ने मंगलवार को बिहार नगरपालिका ठोस अपशिष्ट प्रबंधन मॉडल उपविधि 2019 को प्रशासनिक स्वीकृति दे दी.
इसके अनुसार किसी भी नगर निकाय में यह सुनिश्चित किया जायेगा कि ठोस कचरा के संग्रह के बाद उसको कोई भी सफाईकर्मी नहीं जलायेगा. इसे राज्य भर में औद्योगिक टाउनशिप, रेलवे, एयरपोर्ट, एयरबेस, पोर्ट, हार्बर, विशेष आर्थिक जोन, राज्य और केंद्र सरकार के संगठनों, हर आवासीय, सांस्थिक, वाणिज्यिक क्षेत्र, तीर्थ, धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के स्थानों पर निकलनेवाले ठोस कचरे पर लागू होगा. समीक्षा एवं मॉनीटरिंग के लिए जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में समिति के गठन का प्रावधान किया गया है.
बायलॉज के मुताबिक कचरा निकलने के स्रोत पर ही उसे अलग करते हुए उसका भंडारण किया जायेगा. इसे हरा, नीला और काले रंग के डस्टबीन में एकत्र किया जायेगा. डोर टू डोर कचरा का कलेक्शन किया जायेगा.
इसके लिए वाहन, उपकरण व मानव शक्ति की संख्या निर्धारित की जायेगी. हर जोन व वार्ड में अलग-अलग कलेक्शन किया जायेगा. प्रत्येक वार्ड में दैनिक सड़क की सफाई की व्यवस्था के लिए झाडूकश की नियुक्ति की जायेगी. चौड़ी सड़कों की सफाई मशीन से की जायेगी. मेटेरियल रिकवरी सुविधा के तहत कागज, प्लास्टिक, धातु व सीसी को अलग कर इसे कबाड़ी वालों को बेच दिया जायेगा.
ठोस कचरे के निबटारे के बाद उससे वैज्ञानिक तरीके से साफ भूमि की भरायी की जा सकेगी. इसके लिए यूजर फीस का भी प्रावधान किया गया है. शुल्क के लिए नगरपालिकाओं द्वारा मुद्रित रसीद का उपयोग किया जायेगा. इसके प्रावधान के उल्लंघन करने पर अर्थदंड का प्रावधान किया गया है.
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