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धान खरीद में पांचवें नंबर पर पहुंचा पटना

अनिकेत त्रिवेदी पटना : जिले में सरकारी धान खरीद की रफ्तार अब तेज हो रही है. भले ही खरीद की समय सीमा समाप्त होने में लगभग डेढ़ माह का समय रह गया हो, लेकिन धान खरीद मामले में पटना जिले का स्थान सूबे में पांचवें नंबर पर है. पटना जिले से आगे औरंगाबाद, कैमूर, रोहतास […]

अनिकेत त्रिवेदी
पटना : जिले में सरकारी धान खरीद की रफ्तार अब तेज हो रही है. भले ही खरीद की समय सीमा समाप्त होने में लगभग डेढ़ माह का समय रह गया हो, लेकिन धान खरीद मामले में पटना जिले का स्थान सूबे में पांचवें नंबर पर है.
पटना जिले से आगे औरंगाबाद, कैमूर, रोहतास और सुपौल हैं. जिला सहकारिता पदाधिकारी के अनुसार अगले दो सप्ताह में पटना की रैंकिंग औरंगाबाद और सुपौल से आगे होगी. जिले में अब तक 30 हजार तीन सौ मीट्रिक टन धान खरीद हो चुकी है. पटना से मात्र थोड़ी ही बेहतर स्थिति सुपौल की है, वहां खरीद का आंकड़ा 31 हजार के पार है. बता दें कि 31 मार्च तक धान की खरीद की जानी है.
90 हजार मीट्रिक टन खरीद का लक्ष्य
बीते वर्ष जिले में धान खरीद का लक्ष्य 90 हजार मीट्रिक टन रखा गया था, जुलाई तक धान की खरीद की गयी और लक्ष्य से अधिक करीब एक लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गयी. वहीं इस वर्ष शुरुआत में 42 हजार मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य रखा गया था जिसे बाद में संशोधित कर 105000 मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन जानकारी के अनुसार जिलाधिकारी ने अब पूर्व वर्ष के लक्ष्य को ही पूरा करने के निर्देश दिये हैं.
ऑनलाइन निबंधन में पटना दूसरे नंबर पर
सरकारी योजनाअों के लिए जरूरी ऑनलाइन निबंधन में पटना जिले की स्थिति में तेजी से सुधार हुआ है. ऑनलाइन निबंधन में पटना का स्थान सूबे में दूसरे नंबर पर है. यहां अब तक 18 हजार 864 किसानों ने निबंधन कर दिया है. वहीं नालंदा नंबर वन है, वहां 20 हजार के लगभग किसानों ने निबंधन किया है. गौरतलब है कि किसान बीमा, डीजल अनुदान, किसानों के खाते में पैसा से लेकर सभी तरह के अनुदान ऑनलाइन निबंधन करने वाले किसानों को दिया जाता है.
48 घंटे में पैसे का भुगतान : इस वर्ष पंजीकृत किसानों से क्रय किये गये धान का मूल्य किसानों को पीएमएफएस के माध्यम से क्रय के बाद 48 घंटों के अंदर भुगतान की व्यवस्था की गयी है. इस वर्ष गत वर्ष की तरह निगम मुख्यालय द्वारा अधिसूचित 4 सीएमआर गोदामों में सीएमआर जमा कराया जाना है.
पटना : पीएचसी स्तर पर रहेगी क्विक मेडिकल टीम 000000
पटना : अगलगी, भूकंप या अन्य किसी तरह की आपदाओं से निबटने के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के स्तर पर क्विक मेडिकल टीम बनायी जा रही है. इसके लिए बिहार के सभी पीएचसी में प्रशिक्षण चल रहा है. प्रशिक्षण में आम लोगों को जोड़ा गया है और एक ग्रुप बनाकर इसे तैयार किया जा रहा है, ताकि यह सभी एक मेडिकल मोबाइल टीम की तरह काम करें. क्विक रिस्पॉस टीम कहीं भी किसी भी वक्त पहुंच सकती है.
लोगों को मिल रहा प्रशिक्षण : प्रशिक्षण में प्राथमिक इलाज की जानकारी दी जा रही है. छोटे-मोटे जख्म या जलन में क्या करना है, इसको लेकर भी बताया जा रहा है. आपदा के लिए एक किट तैयार किया जा रहा है. ताकि जहां भी टीम जाये, वहां पर किट के सहारे लोगों का इलाज कर सके.
टीम में शामिल लोगों का होगा कोड : टीम में शामिल सभी लोगों का कोड रहेगा. इनका मोबाइल नंबर भी रहेगा. जिनको आपदा के दौरान एक बार में टीम के सभी सदस्यों को बुलाया जा सकेगा. लोगों का इलाज करते वक्त टीम को अगर जरूरत महसूस होगी तो उसे पीएचसी या बड़े अस्पताल में रेफर कर सकती है.

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