पटना : राजभवन मार्च के दौरान प्रतिबंधित क्षेत्र में घुसने व पुलिस से मारपीट के आरोप में नामजद रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने शनिवार की दोपहर हजारों समर्थकों के साथ कोतवाली थाने में आत्मसमर्पण कर दिया. उनके साथ करीब 50 लोगों को अंदर जाने दिया गया, बाकी गेट के बाहर धरने पर बैठ गये. बंद थाने के अंदर उपेंद्र कुशवाहा को डीएसपी कार्यालय में बिठाया गया, जहां डेढ़ घंटे बातचीत व चाय-नाश्ते के दौर के बाद के बीच नोटिस तामिला कराया गया.
इसके बाद 41 (1) सीआरपीसी के तहत उपेंद्र कुशवाहा व अरविंद कुमार को कोतवाली से जमानत दे दी गयी. करीब दो घंटे बाद 3:15 बजे वह डीएसपी चैंबर से बाहर निकल कर अपने पार्टी कार्यालय चले गये. इस मामले में कुश्वाहा समेत 250 अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. इसी केस में गिरफ्तारी देने के लिए उपेंद्र कुश्वाहा समर्थकों के साथ कोतवाली पहुंचे. जमानतीय धारा होने के कारण कोतवाली से जमानत दिया गया. पूर्व मंत्री ने घोषित किया था कि वह शनिवार को कोतवाली गिरफ्तारी देने पहुंचेंगे.
इसको लेकर पुलिस ने पहले ही तैयारी कर ली थी. विधि-व्यवस्था बनाये रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल बुला लिया गया था. उपेंद्र कुश्वाहा ने कहा कि सादे भेष में भी कुछ लोग थे, जो जानलेवा हमला कर रहे थे. मैं जानना चाहता हूं कि वह कौन लोग थे जो मेरी हत्या करना चाहते थे.