नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में उपमुख्यमंत्री के लिए आरक्षित सरकारी बंगला खाली करने के आदेश के खिलाफ दायर राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी. अदालत ने सरकारी बंगला खाली करने संबंधी पटना हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने पर तेजस्वी यादव पर 50,000 रुपये जुर्माना भी किया है.
Supreme Court dismisses a plea of RJD leader Tejashwi Yadav challenging the Bihar government's order asking him to vacate the bungalow allotted to him while he was the deputy chief minister. CJI Ranjan Gogoi also imposed a cost of Rs 50,000 on Tejashwi Yadav. pic.twitter.com/vKVZ1i3xNe
— ANI (@ANI) February 8, 2019
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने तेजस्वी यादव को आदेश दिया कि वह प्रतिपक्ष के नेता के लिए आवंटित अन्य आवास में स्थानांतरित हों. राजद के नेता तेजस्वी इस समय राज्य विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता हैं और उन्होंने इस याचिका में हाईकोर्ट की खंडपीठ के फैसले को चुनौती दी थी. हाईकोर्ट ने उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के लिए यह सरकारी आवास खाली करने के बिहार सरकार के आदेश को चुनौती देनेवाली उनकी याचिका सात जनवरी को खारिज कर दी थी.
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इससे पहले, छह अक्टूबर, 2018 को हाईकोर्ट के एकल न्यायाधीश ने भी उपमुख्यमंत्री के रूप में आवंटित बंगला खाली करने के राज्य सरकार के आदेश के खिलाफ उनकी याचिका खारिज कर दी थी. एकल न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा था कि याचिकाकर्ता को सरकार में मंत्री के रूप में उसके पद के अनुरूप पटना में एक, पोलो रोड, बंगला आवंटित किया गया है. वह इस बारे में लिये गये फैसले पर सिर्फ इसलिए शिकायत नहीं कर सकते कि यह बंगला उन्हें अधिक माफिक आता है. इस समय यादव राजभवन और मुख्यमंत्री निवास से चंद कदमों की दूरी पर पांच, देशरत्न मार्ग बंगले में रह रहे हैं. यह बंगला उन्हें 2015 में उस समय आवंटित किया गया था, जब वह उपमुख्यमंत्री थे.