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दुर्घटना के 10 घंटे 20 मिनट बाद दानापुर में 11 बोगियां जोड़ 23 बोगियों के साथ फिर रवाना हुई सीमांचल एक्सप्रेस

पटना/दानापुर : हाजीपुर के सहदोई बुजुर्ग स्टेशन के पास दुर्घटनाग्रस्त सीमांचल एक्सप्रेस को दुर्घटना के 10 घंटे 20 मिनट बाद दानापुर से 23 कोच के साथ दोपहर 2.20 बजे आनंद विहार टर्मिनल के लिए रवाना कर दिया गया. दुर्घटना से बचे 12 कोच को अलग कर उसमें सवार 1500 यात्रियों के साथ दोपहर करीब 12.30 […]

पटना/दानापुर : हाजीपुर के सहदोई बुजुर्ग स्टेशन के पास दुर्घटनाग्रस्त सीमांचल एक्सप्रेस को दुर्घटना के 10 घंटे 20 मिनट बाद दानापुर से 23 कोच के साथ दोपहर 2.20 बजे आनंद विहार टर्मिनल के लिए रवाना कर दिया गया. दुर्घटना से बचे 12 कोच को अलग कर उसमें सवार 1500 यात्रियों के साथ दोपहर करीब 12.30 बजे दानापुर भेज दिया गया. यह ट्रेन 12.55 बजे दानापुर स्टेशन के प्लेटफाॅर्म संख्या चार पर पहुंची.
प्लेटफाॅर्म पर पहुंचे ही रेल प्रशासन मेडिकल टीम के साथ बोगियों में जाकर घायल यात्रियों का उपचार करने में जुट गया. साथ ही आरपीएफ, जीआरपी के जवान व टिकट निरीक्षक समेत रेल कर्मियों ने यात्रियों को पानी बोतल व बिस्कुट बोगियों में घूम-घूम कर दे रहे थे. ट्रेन पहुंचने के बाद करीब एक बजे सीमांचल एक्सप्रेस में दानापुर से अलग से ग्यारह बोगी को जोड़ा गया.
इसमें एक पैंट्रीकार बोगी बंद थी. कुल दस बोगियों में सीमांचल एक्सप्रेस के यात्रियों को उतार कर जोड़ी गयी बोगियों में आरपीएफ, जीआरपी के जवान समेत टिकट निरीक्षकों ने यात्रियों को सीट पर बैठाया. एडीआरएम अरविंद रजक ने बताया कि करीब 2.20 मिनट पर दानापुर से सीमांचल एक्सप्रेस को रवाना किया गया है.
यात्रियों का दर्द
करीब 3.58 मिनट पर अचानक जोरदार आवाज हुई और थोड़ी देर बाद चीखने चिल्लाने की आवाज शुरू हो गयी. पता चला की ट्रेन की बोगियों पटरी से उतर गयी. इसमें मैं जख्मी हो गयी. उन्होंने बताया कि ट्रेन से इलाहबाद जा रही थी.
इलाहाबाद संगम नदी में स्नान करने जा रही थी. इसी दौरान हाजीपुर बुजुर्ग स्टेशन के पास ट्रेन की बोगियां पटरी से उतर जाने से अफरा-तफरी मच गयी और मुझे चोट आयी है.
ट्रेन पर
अपने परिवार के साथ सवार थे. कटिहार व एक अन्य स्टेशन पर भी हल्ला सा झटका लगा था. करीब 3.55 मिनट पर जब बुजुर्ग स्टेशन के पास पहुंची तो दो-तीन बार ट्रेन में झटके का एहसास हुआ और आवाज हुई. थोड़ी देर के बाद ट्रेन की कई बोगियों पटरी से उतर गयीं. दुर्घटनाग्रस्त एसी कोच से करीब 16 यात्रियों को बाहर निकालने के दौरान मुझे चोट लगी. ग्रामीणों ने तुरंत पहुंच कर ट्रेन में फंसे यात्रियों को बाहर निकाल कर इलाज के लिए अस्पताल भेजा.
– छोटू कुमार, पूर्णिया निवासी व घायल यात्री
दुर्घटना की जांच करने आज पहुंचेंगे सीआरएस लतीफ खान
पटना : सोनपुर मंडल के हाजीपुर-शाहपुर पटोरी रेलखंड के सहदेई बुजुर्ग स्‍टेशन के पास 12487 जोगबनी-आनंद विहार सीमांचल एक्‍सप्रेस दुर्घटना की जांच रेल संरक्षा आयुक्‍त (पूर्वी क्षेत्र) कोलकाता लतीफ खान करेंगे. श्री खान देर रात तक पटना पहुंचे हैं.
वे सोमवार से इस दुर्घटना की जांच प्रारंभ करेंगे. इससे पहले रविवार को घटना की सूचना मिलने पर नयी दिल्ली से रेलवे बोर्ड अध्‍यक्ष विनोद कुमार यादव, सदस्‍य (इंजीनियरिंग) विश्वेश चौबे एवं आरपीएफ के डीजी अरुण कुमार भी पहुंचे. पटना पहुंचने के बाद सबसे पहले सदर अस्‍पताल हाजीपुर पहुंचे, जहां उन्‍होंने घयाल यात्रियों से मुलाकात की.
इसके साथ ही उन्‍होंने अस्‍पताल के डाक्‍टरों एवं अन्‍य सिविल पदाधिकारियों को घायलों को सर्वोत्‍तम उपलब्‍ध चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने का निर्देश दिया. इसके बाद वहां से घटना स्‍थल के लिए रवाना हो गये.
बरौनी, सोनपुर व समस्तीपुर से पहुंची दुर्घटना सहायता ट्रेन
सीपीआरओ राजेश कुमार ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही सबसे पहले सोनपुर से सुबह 04.35 बजे एक्सीडेंट रिलीफ ट्रेन रवाना कर दी गयी, जो 05.38 बजे घटनास्थल पर पहुंची.
इसके साथ ही बरौनी व सोनपुर से भी दुर्घटना सहायता ट्रेन भेजी गयी. बिहटा व दीदारगंज से एनडीआरएफ की टीम भी सुबह 6.30 बजे तक पहुंच कर डॉक्टरों व चिकित्साकर्मियों के साथ राहत व बचाव कार्य में जुट गयी.
पूर्व मध्‍य रेल के महाप्रबंधक ललित चंद्र त्रिवेदी मुख्‍यालय के अन्‍य उच्‍चाधिकारियों के साथ 6.45 बजे घटना स्‍थल पर पहुंचे और बचाव एवं राहत कार्यों की जानकारी ली. उन्होंने बताया कि ट्रेनों के परिचालन की पुनर्बहाली कार्य युद्ध स्तर पर जारी है. उम्मीद है कि 24 घंटे में इस रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन पुनर्बहाली कर लिया जायेगा.
हाजीपुर : सहदेई में 11 बोगियों के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद हर ओर खौफनाक मंजर था. जोरदार धमाके के साथ पलटी ट्रेन की बोगियों में फंसे यात्रियों की चीख-पुकार ने वहां पहुंचे लोगों को झकझोर कर रख दिया. बड़ी संख्या में लोग अपने स्तर से यात्रियों को बचाने में जुट गये.
स्थानीय लोगों ने बोगी का शीशा तोड़ कर किसी तरह सभी को बाहर निकाला. जो घायल थे उन्हें अस्पताल ले जाया जाने लगा. बड़ी संख्या में महिलाएं भी वहां जुट गयीं. हादसे के बाद बदहवास हो चुकी महिला यात्रियों को गांव की महिलाओं ने ढाढ़स बंधाना शुरू कर दिया. कुछ महिला यात्रियों को महिलाएं अपने घर तक ले गयीं.
हादसे की जानकारी पर जिला प्रशासन के साथ-साथ रेल प्रशासन के आलाधिकारी भी मौके पर पहुंच गये. और फिर यात्रियों को बचाने का सिलसिला शुरू हो गया. अधिकारी से लेकर कर्मी तक और आम लोग सभी यात्रियों को बचाने व उनकी मदद में जुट गये. ग्रामीणों के स्तर पर यात्रियों के पानी व चिकित्सा सुविधा आदि की व्यवस्था की. हालांकि प्रशासनिक पदाधिकारियों के पहुंचने के पहले ही ग्रामीण बोगी के अंदर फंसे बहुत सारे यात्रियों को बाहर निकाल चुके थे.
खौफनाक मंजर देखा तो जाग उठी मानवता
स्कूल संचालकों ने भेजीं गाड़ियां
हादसे की जानकारी होने पर कई निजी स्कूल संचालकों ने अपने-अपने स्कूल की गाड़ियों को मौके पर भेजा. स्कूल बस के चालक व अन्य कर्मी भी यात्रियों की सेवा में जुट गये. साथ ही वहां से दुर्घटनाग्रस्त ट्रेन के यात्रियों को नि:शुल्क हाजीपुर पहुंचाया गया.
कुली व पलदार भी पहुंचे मदद को
रेल हादसे की जानकारी होने पर रेल अधिकारियों व कर्मियों के साथ हाजीपुर स्टेशन पर कार्यरत कुली व पलदार आदि भी उनके साथ घटनास्थल पर पहुंच गये. वहां रेलकर्मियों व एनडीआरएफ की टीम की ओर चलाये जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन मेंकूली व पलदार भी जुट गये.
डीएम-एसपी ने खुद संभाला मोर्चा
घटनास्थल पर ग्रामीणों की भारी भीड़ की वजह से रेस्क्यू कार्य में रेलकर्मियों व एनडीआरएफ की टीम को जब थोड़ी परेशानी होने लगी तो डीएम राजीव रौशन व एसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने खुद ही मोर्चा संभाल लिया. दोनों खुद ही ग्रामीणों से ट्रैक से दूर खड़ा रहने व सहयोग करने की अपील करने लगे.
रेलवे ने उपलब्ध करायी खाद्य सामग्री
हादसे के बाद पहुंचे रेल अधिकारियों ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने के साथ-साथ रेल यात्रियों की सुविधा के लिए कार्य करना शुरू कर दिया. यात्रियों की सुविधा के लिए स्टेशन पर ही खोया-पाया काउंटर खोला गया. साथ ही रेल अधिकारियों ने यात्रियों के पानी-बिस्कुट आदि का वितरण भी किया.
कटिहार में ही की थी शिकायत
पीएमसीएच में इलाज के लिए पहुंचे हादसा पीिड़तों ने कहा
पटना : मैं बी3 के बर्थ नंबर 49 पर अपने परिवार के साथ दिल्ली जा रहा था. शोरगुल के बाद जब नींद खुली तब देखा कि कोच तिरछी पलटी हुई है. बाहर निकलकर मैंने अपनी पत्नी बिंदा देवी को पुकारना शुरू किया. मैं जोर-जोर से रो रहा था, क्योंकि मुझे अंदेशा था कि हादसे में कहीं कोई अनहोनी तो नहीं हो गयी.
करीब डेढ़ घंटे बाद मैंने देखा कि कुछ बचावकर्मी मेरी पत्नी को स्ट्रेचर में लिटा रहे हैं. पास जाकर उनसे बात करने की कोशिश की, लेकिन वो बेहोश थी.
जब पीएमसीएच आया तो पता चला कि उसका बायां पैर काटना पड़ा है. यह कहना है ट्रेन हादसे में मौत के मुंह से बाहर निकले नयी दिल्ली की महावीर कॉलोनी के विनोद कुमार गुप्ता का. वे फारबिसगंज में शादी समारोह में शरीक होने के बाद दिल्ली लौट रहे थे. उनके परिवार के कुल छह लोग यात्रा कर रहे थे, जिसमें चार बुरी तरह से घायल हैं.
कटिहार में ही कर दी थी लिखित में शिकायत : दिल्ली जा रहे विनोद गुप्ता ने कहा कि ट्रेन मेंटनेंस नहीं होने की शिकायत वह लिखित में कटिहार स्टेशन पर ही कर दी थी. लेकिन उनकी शिकायत एक नहीं मानी. ट्रेन में गंदगी और बिना मेंटनेंस के ही ट्रेन रवाना कर दी गयी थी. अगर शिकायत पर अमल की जाती तो शायद ट्रेन हादसा बच सकता था.
कब-कब और कहां-कहां हुए हैं ट्रेन हादसे
पूर्व मध्य रेल की ट्रेन संख्या
12741 वास्को डा गामा-पटना एक्सप्रेस 24 नवंबर 2017 को चित्रकूट स्टेशन के समीप दुर्घटनाग्रस्त हो गयी थी. इसमें
तीन यात्रियों की मौत हुई थी. इसके बाद पूर्व मध्य रेल क्षेत्र में आने व गुजरने वाली ट्रेनें दुर्घटनाग्रस्तनहीं हुई.
ऑटो से पहुंचा पटना खुद रेलवे हॉस्पिटल में हुआ भर्ती
पटना : सीमांचल एक्सप्रेस के जेनरल डिब्बे में शनिवार की रात्रि 12:10 बजे सहरसा जिले के रहने वाले जय प्रकाश मंडल प्रयागराज जाने के लिए सवार हुए. कंबल से लिपटकर अपने सीट पर बैठ गये. लेकिन, रविवार की सुबह 4:00 बजे सहदेई बुजुर्ग स्टेशन के समीप ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हो गयी. इस दुर्घटना में जय प्रकाश मंडल के छाती व बायें पैर की हड्डी टूटी गयी. बेसहारा जय प्रकाश अकेले ऑटो से हाजीपुर व फिर सुबह 8:30 बजे पटना जंक्शन के करबिगहिया छोर पहुंचे और रेलवे हॉस्पिटल में भर्ती हुए.
शोक की लहर
सीमांचल एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने पर राज्यपाल लाल जी टंडन ने दुख जताया है. उन्होंने हादसे के शिकार लोगों को जल्दी स्वस्थ होने की कामना की है. इस दुर्घटना में जान गंवाने वालों की आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना भी की है. राज्यपाल ने विश्वास जताया है कि स्थानीय प्रशासन और रेल प्रशासन मिलकर तत्परता से राहत और बचाव कार्य पहुंचा रहे होंगे.
हाजीपुर के पास सीमांचल एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने पर दुख जताते हुए उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पीएमसीएच और एनएमसीएच को अलर्ट कर दिया गया था. पीएमसीएच में घायलों के इलाज के लिए तत्काल 20 बेड को सुरक्षित कर दिया गया था.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय ने ट्रेन के पटरी से उतरने और इसमें मारे गये लोगों के प्रति दुख प्रकट किया है. मारे गये लोगों के प्रति संवेदन प्रकट करते हुए घायलों के जल्द स्वस्थ्य होने की कामना भी की है. उन्होंने कहा कि दुर्घटना के बाद राहत और बचाव कार्यों को लेकर रेल मंत्री लगातार रेलवे बोर्ड के संपर्क में हैं.
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सीमांचल एक्सप्रेस के दुर्घटना होने पर दुख व चिंता जतायी है. उन्होंने दुर्घटना में मृत लोगों के प्रति संवेदना जतायी है. पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, पूर्व मंत्री तेजप्रताप यादव और सांसद मीसा भारती ने भी ट्रेन दुर्घटना पर दुख जताया है. साथ ही राजद के प्रदेश प्रवक्ता व विधायक डा रामानुज प्रसाद, राष्ट्रीय परिषद सदस्य भाई अरूण कुमार एवं अत्यंत पिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव उपेंद्र चंद्रवंशी ने चिंता प्रकट की है.
सांसद राजेश रंजन पप्पू यादव ,राष्ट्रीय प्रधान महासचिव एजाज अहमद, युवा जन परिषद के प्रदेश प्रवक्ता रजनीश तिवारी ने रेल दुर्घटना की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है. पप्पू यादन वे कहा कि मृतकों के परिजनों को बीस- बीस लाख का मुआवजा दिया जाये. इस दौरान घायलों को पप्पू यादव ने भी 25-25 हजार देकर मृतकों के परिजनों को दिया. उसके बाद घायलों को देखने पीएमसीएच पहुंचे.
एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने के मामले में वामदलों ने रेल मंत्रालय को घेरा है. सीपीआइ के राज्य सचिव व पूर्व विधायक सत्य नारायण सिंह दुख जताया और हादसे के लिए रेल मंत्रालय को जिम्मेदार ठहराया. रेल मंत्री पीयूष गोयल से इस्तीफे की मांग की है.

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