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पटना : 1400 करोड़ से 100 कॉलोनियों की 646 किमी सड़कें और ड्रेनेज होंगे विकसित
पार्षदों की मांग, हर वार्ड की कम-से-कम एक कॉलोनी का हो चयन पटना : नगर निगम बोर्ड ने प्रथम चरण में शहर की 100 कॉलोनियों की 646 किमी सड़कें और ड्रेनेज को विकसित करने के लिए 1400 करोड़ के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. सोमवार को मेयर सीता साहू की अध्यक्षता में आयोजित निगम […]
पार्षदों की मांग, हर वार्ड की कम-से-कम एक कॉलोनी का हो चयन
पटना : नगर निगम बोर्ड ने प्रथम चरण में शहर की 100 कॉलोनियों की 646 किमी सड़कें और ड्रेनेज को विकसित करने के लिए 1400 करोड़ के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. सोमवार को मेयर सीता साहू की अध्यक्षता में आयोजित निगम बोर्ड की बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव मंजूर किया गया. हालांकि, डिप्टी मेयर विनय कुमार पप्पू के साथ-साथ वार्ड पार्षद डाॅ आशीष सिन्हा, कुमार संजीत आदि ने मांग करते हुए कहा कि पहले चरण में सभी वार्डों में कम-से-कम एक कॉलोनी का चयन किया जाये. साथ ही निगम क्षेत्र की सभी 532 कॉलोनियों का प्रस्ताव अलग से तैयार हो. नगर आयुक्त ने कहा कि इसी प्लानिंग पर काम किया जा रहा है. टेंडर फाइल होते ही सूची दे देंगे. इसके साथ ही निगम के कागजातों व फाइलों को डिजिटलाइजेशन करने पर भी बोर्ड ने स्वीकृति दी है.
पालतू कुत्तों से सड़कों पर शौच कराने पर लगेगा जुर्माना : वार्ड पार्षद राजकुमार गुप्ता ने पालतू कुत्तों के शौच से सड़कों पर होने वाली गंदगी का हवाला देते हुए जुर्माने का प्रावधान लगाये जाने की मांग की. इस पर नगर आयुक्त अनुपम कुमार सुमन ने कहा कि मोहल्लों में डस्टबीन की व्यवस्था कर रहे हैं. इसके बाद जुर्माना वसूलने की भी व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे. नगर आयुक्त के जवाब के बाद निगम बोर्ड ने उपकरण खरीदने व पातलू कुत्तों से जुर्माना वसूलने की मंजूरी देते हुए शीघ्र क्रियान्वयन करने का निर्देश दिया.
अवैध होर्डिंग हटाने में की जा रही है अनदेखी
बैठक में डिप्टी मेयर के साथ-साथ वार्ड पार्षद डॉ आशीष सिन्हा, पिंकी कुमारी, इंद्रदीप चंद्रवंशी सहित कई पार्षदों ने सवाल उठाया कि निगम क्षेत्र के सभी प्रदर्शित विज्ञापन होर्डिंग अवैध हैं, तो शत-प्रतिशत होर्डिंग को नहीं हटाया जा रहा है. होर्डिंग हटाने में अनदेखी हो रही हैं, जिससे विज्ञापन माफिया व निगम अधिकारी पॉकेट भर रहे हैं. इसके जवाब में नगर आयुक्त ने कहा कि सिर्फ सीसीटीवी लगे विज्ञापन होर्डिंग को काटा नहीं जा रहा है. इसके अलावा कार्रवाई की जा रही है और सख्ती से कार्रवाई की जायेगी.
चार घंटे का काम चार सालों में किया जाता है पूरा
डिप्टी मेयर विनय कुमार पप्पू ने योजनाओं के क्रियान्वयन पर सवाल उठाते हुए कहा कि एक-एक वार्ड में तीन से पांच करोड़ की योजनाओं का टेंडर निकाला गया हैं, जिसकी प्रशासनिक स्वीकृति नहीं दी गयी है.
इससे भ्रम की स्थिति बन गयी है. डिप्टी मेयर के सवाल का समर्थन करते हुए डॉ आशीष सिन्हा ने कहा कि नगर आयुक्त साहब जिस रफ्तार से आप चलना चाहते हैं, उस रफ्तार में अधिकारी व कर्मचारी नहीं चल रहे है. जवाब में नगर आयुक्त ने स्वीकार किया कि हम कछुआ के चाल में चलने को अभ्यस्त है. इंदौर, सूरत, विशाखापट्नम जैसे निगमों में जो काम चार से छह घंटे में होता है, वह काम हम चार सालों में निष्पादन करते है. लेकिन, अब यह स्थिति नहीं आने देंगे.
किये वायदे अब तक नहीं हुए पूरे
वार्ड संख्या-52 के पार्षद महजबी ने नगर आयुक्त पर सवाल उठाते हुए कहा कि सफाई कर्मियों को गर्म कपड़ा देने, वार्ड में झाड़ू की उपलब्धता और डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन कार्य में लगे मजदूरों को ससमय वेतन देने का वायदा किया गया था. लेकिन, अब तक पूरा नहीं हुआ है. वार्ड-47 के पार्षद सतीश कुमार ने कहा कि जलजमाव को लेकर बनी योजनाओं में एक पर भी काम शुरू नहीं किया जा सका है. इस पर नगर आयुक्त संबंधित अधिकारियों को डांट लगाते हुए कहा कि शीघ्र व्यवस्था को दुरुस्त करें.
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभुकों की सूची तैयार की गयी, जिसे सरकार को भेजनी है. लेकिन, बोर्ड की बैठक में रखी गयी सूची अधूरी थी. डिप्टी मेयर ने कहा कि किसी तरह के लाभुक हैं, जिसकी कोई जानकारी नहीं है. यह सवाल स्थायी समिति में भी उठाया गया था. इसके बावजूद सदन में लाया गया है. डिप्टी मेयर के साथ-साथ दर्जनों पार्षदों ने सवाल उठाये. इस पर बोर्ड ने निर्णय लिया कि लाभुकों की पूर्ण सूची तैयार कर अगली बैठक में रखा जाये.
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