नयी दिल्ली : माकपा नेता बृंदा करात ने वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद यादव से राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के लिए की गयी टिप्पणी को आपत्तिजनक बताते हुए कहा है कि यादव को राजे से माफी मांगना चाहिए. करात ने कहा, ‘‘शरद यादव जैसे वरिष्ठ नेता द्वारा राजस्थान की मुख्यमंत्री के लिए इस तरह का अपमानजनक बयान देना बेहद आपत्तिजनक है. यादव को अपना बयान वापस लेकर माफी मांगना चाहिए.’
शरद यादव ने गुरुवार को राजस्थान में चुनाव प्रचार के दौरान एक जनसभा को संबोधित करते हुए राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बारे में एक आपत्तिजनक टिप्पणी कर उन्हें सेहत का हवाला देकर अब आराम करने की सलाह दी थी. इस पर राजे ने आहत होने और अपमानित महसूस करने की बात कहते हुए चुनाव आयोग से इस पर कार्रवाई करने की मांग की है. यादव ने हालांकि शुक्रवार को कहा कि राजे के बारे में उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान मजाक में टिप्पणी की थी, उनका मकसद राजे को आहत करना नहीं था. यादव के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में उन्होंने कहा, ‘‘मैंने यह बात मजाक में कही थी.’ यादव की टिप्पणी पर अन्य नेताओं ने सार्वजनिक जीवन में सभी नेताओं द्वारा संयत भाषा का इस्तेमाल किये जाने की जरूरत पर बल दिया. सपा के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा, ‘‘हम सभी को सार्वजनिक जीवन में मर्यादित एवं संयमित भाषा का इस्तेमाल करना चाहिए, जिससे कोई किसी की बात से आहत न हो.’ चौधरी ने कहा कि भाजपा सहित सभी दलों के नेताओं को इस मर्यादा का ख्याल रखना चाहिए. वहीं, आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने इस मामले में भाजपा को ही घेरते हुए कहा कि शब्दों और भाषा की मर्यादा तोड़ने का काम खुद भाजपा और उसके संगठनों के नेता कर रहे हैं. सिंह ने कहा, ‘‘शरद यादव ने कुछ भी अनुचित नहीं कहा है. जिस हिंदू वाहिनी के लोग कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू का सिर काटने की बात करते हों और भगवान तक की जाति बताने जैसे बयान देनेवालों से भाषा की मर्यादा सीखने की हमें जरूरत नहीं है.’