21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

हंगामे के भेंट चढ़ा शीतकालीन सत्र, विधानमंडल अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

पटना : विधानमंडल का शीतकालीन सत्र समाप्त होते ही शुक्रवार को विधान सभा और विधान परिषद को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया. अंतिम दिन भी दोनों सदन सदस्यों के हंगामे, शोर-शराबे और वेल में नारेबाजी और आरोप-प्रत्यारोप की भेंट चढ़ गया. अंतिम दिन विधानमंडल में कैग का साल 2016-17 का सामान्य, सामाजिक और […]

पटना : विधानमंडल का शीतकालीन सत्र समाप्त होते ही शुक्रवार को विधान सभा और विधान परिषद को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया. अंतिम दिन भी दोनों सदन सदस्यों के हंगामे, शोर-शराबे और वेल में नारेबाजी और आरोप-प्रत्यारोप की भेंट चढ़ गया. अंतिम दिन विधानमंडल में कैग का साल 2016-17 का सामान्य, सामाजिक और आर्थिक प्रक्षेत्र का रिपोर्ट भी पेश किया गया. अंतिम दिन विधानसभा 29 मिनट तो विधान परिषद 44 मिनट चला. शीतकालीन सत्र को जनहित के सवाल से अधिक हंगामे और शोर-शराबे के लिए याद किया जायेगा. शीतकालीन सत्र 26 नवंबर को शुरू हुआ था.

शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन विधानसभा और विधान परिषद की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई विपक्ष कार्यस्थगन के नामंजूर होने पर हंगामा करने लगा. आसन ने कई बार सदस्यों से सीट पर जाने की अपील की लेकिन विपक्ष बेल में डटा रहा. विधानसभा अध्यक्ष ने चार मिनट के बाद भोजनावकाश तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी. यही हाल विधान परिषद का भी रहा. पहली पाली में मात्र 12 मिनट ही सदन की कार्यवाही चली. शोर-शराबे के कारण सभापति ने दो बजे दिन तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी.

भोजनावकाश के बाद दो बजे जैसे ही विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई. लेकिन, विपक्षी सदस्य फिर से हंगामा करना शुरू कर दिया. इसी हंगामे के बीच उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कैग की रिपोर्ट, विनियोग विधेयक पारित होने के साथ 10 हजार 463 करोड़ का द्वितीय अनुपूरक बजट पेश किया. सदन में पांच मिनट तक हंगामे की स्थिति बनी रही. अध्यक्ष ने शाम चार बजे तक के लिए सदन का कार्यवाही स्थगित कर दी. चार बजे के बाद अध्यक्ष के समापन संबोधन के बाद सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया. विधान परिषद की दूसरी पाली भी हंगामे की भेंट चढ़ी. सदन में आधे घंटे तक हंगामा होता रहा. उसके बाद सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया.

विपक्ष ने उठाया आश्रय गृह का मामला
राजद के सुबोध कुमार ने सरकार द्वारा पोषित व संचालित आश्रय गृहों में रहनेवाले बच्चियों व महिलाओं के साथ दुष्कर्म सहित अन्य मामले पर कार्यस्थगन प्रस्ताव पर बहस की मांग करने लगे. कार्यकारी सभापति ने नियमन का हवाला देते हुए प्रस्ताव अस्वीकृत कर दिया. इसके विरोध में विपक्ष वेल में पहुंच कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. विपक्षी सदस्यों ने कहा कि सरकार दुष्कर्म के आरोपियों को बचाने में लगी है. राजद के डॉ रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि इससे बड़ा मामला कुछ नहीं हो सकता है. हंगामे के बीच कार्यकारी सभापति ने प्रश्नोत्तर काल शुरू करने की बात कही. इसके साथ ही सदन के बाहर राबड़ी देवी के नेतृत्व में विपक्षी सदस्यों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. इसमें राबड़ी देवी, सुबोध कुमार, डॉ रामचंद्र पूर्वे, कमर आलम, राधाचरण साह, खुर्शीद मोहम्मद मोहसीन, कांग्रेस के डॉ मदन मोहन झा व प्रेमचंद्र मिश्रा शामिल हुए.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें