पटना : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बिहार बोर्ड) की मैट्रिक व इंटर की परीक्षा को लेकर कई तरह के बदलाव किये गये हैं. अब उत्तरपुस्तिकाओं व ओएमआर शीट में अब परीक्षा से पहले ही परीक्षार्थियों के नाम, रौल नंबर, रौल कोड समेत कई अन्य जानकारियां प्रिंटेड रहेंगी. परीक्षा के दौरान छात्र-छात्राओं को इसे लिखने और गोला भरने की कोई अावश्यकता नहीं रहेगी.
इसके अतिरिक्त कॉपियों की बार कोडिंग भी की जायेगी. ऐसा करने के पीछे उद्देश्य है कि कॉपियों में गड़बड़ी की समस्या कम-से-कम हो और छात्रों का समय भी बचे. यह कदम संभवत: देश में पहली बार बिहार बोर्ड ही उठाने जा रहा है, जो 2019 की परीक्षा से लागू होगा. परीक्षा पद्धति पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और परीक्षा अधिक पारदर्शी हो जायेगी. समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने शनिवार को बिहार बोर्ड कार्यालय कक्ष में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में ये बातें बतायीं.
कुछ ब्लैंक कॉपियां भी सेंटर पर भेजी जायेंगी
आनंद किशोर ने कहा कि संभव है कि कॉपियों में नाम पहले से प्रिंट होने से कुछ ऐसे छात्रों को परेशानी हो, जिनका नाम किसी वजह से छूट गया हो. ऐसे में परीक्षा केंद्रों पर कुछ एक्सट्रा ब्लैंक कॉपियां भी भेजी जायेंगी, जिनमें वहां छात्र उसका प्रयोग कर परीक्षा दे पायेंगे और किसी भी छात्र को किसी तरह की परेशानी न हो. लेकिन जिन छात्रों का नाम कॉपियों में प्रिंट होकर गया है वे ब्लैंक कॉपियों का प्रयोग नहीं कर पायेंगे.
प्रिटेंड कॉपी जिन छात्रों को मिलेगी उनमें उन्हें गोलों को नहीं भरना होगा, जिससे उनका समय बचेगा. 15 जनवरी से 25 जनवरी के बीच होने वाली इंटर की प्रैक्टिकल परीक्षा में भी प्रिंटेड कॉपी ही दी जायेगी. छात्रों को सिर्फ अपनी भाषा का माध्यम लिखना है और हस्ताक्षर करना है. अब छात्रों को डमी ओएमआर नहीं भेजा जायेगा. इससे रिजल्ट पेंडिंग की समस्या काफी कम हो जायेगी. वहीं रिजल्ट के बाद भी उन्हें अपने कागजातों को सही करने के लिए समिति कार्यालय नहीं आना पड़ेगा.
छात्रों के समय में नहीं होगी कटौती, 30 लाख छात्र 2019 में मैट्रिक व इंटर की परीक्षा देंगे
छात्रों को जो समय पूर्व से मिलता था वह मिलता रहेगा. लेकिन परीक्षा से दस मिनट पूर्व छात्रों को हर हाल में प्रवेश कर लेना होगा और इसके बाद छात्रों की एंट्री नहीं हो सकेगी. प्रश्न पत्र के दस सेट होंगे. इससे कदाचार में कमी आयेगी. बताते चलें कि इंटर में दस लाख 34 हजार छह तथा मैट्रिक में 14 लाख सात हजार 724 समेत कुल लगभग 30 लाख छात्र 2019 में मैट्रिक व इंटर की परीक्षा देंगे.
इंटर 2020 की परीक्षा के लिए 11वीं कक्षा में भी होंगे रजिस्ट्रेशन
मैट्रिक में जिस तरह से अब नौवीं कक्षा में भी रजिस्ट्रेशन का प्रावधान किया गया है, ठीक उसी तरह से अब 2020 में होने वाली इंटर की परीक्षा के लिए ग्यारहवीं में भी छात्रों को रजिस्ट्रेशन कराना होगा. वहीं आॅनलाइन नामांकन का डाटा भी शिक्षण संस्थानों को उपलब्ध करा दिया जायेगा, ताकि गलती कम-से-कम हो और उसका मिलान कर लिया जाये.
आनंद किशोर ने कहा कि ऐसा होने से फर्जी छात्रों को बैकडेट से एंट्री मुश्किल हो जायेगी और इस तरह की शिकायतों से बोर्ड को रू-ब-रू नहीं होना पड़ेगा. 27 नवंबर से 5 दिसंबर के बीच विद्यार्थियों को विवरणी उपलब्ध करा दिया जायेगा. इस बीच त्रुटि का सुधार कर लिया जायेगा. 6 से 20 दिसंबर के बीच ऑनलाइन रूप से 11वीं कक्षा के विद्यार्थियों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन होगा. गलतियों का पहले ही निराकरण कर लिया जायेगा.
दो बार डमी एडमिट कार्ड होगा जारी
2019 में इंटर परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों को दो बार डमी एडमिट कार्ड जारी किये जायेंगे. इससे त्रुटि की संभावना काफी कम हो जायेगी. दूसरी बार डमी प्रवेश पत्र 28 नवंबर से 7 दिसंबर से समिति की वेबसाइट पर उपलब्ध रहेगा.
3 दिसंबर को टॉपर्स का सम्मान
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के मैट्रिक के टॉप टेन व इंटर के तीनों संकायों के टॉप फाइव विद्यार्थियों को बोर्ड द्वारा मेधा सम्मान समारोह में सम्मानित किया जायेगा. इसमें छात्रों को कैश व लैपटॉप प्रदान किया जायेगा. कुल 43 छात्र-छात्राएं सम्मानित होंगे. मैट्रिक व इंटर के प्रथम तीन स्थान के छात्रों में प्रथम को एक लाख, दूसरे स्थान को 75 हजार व तीसरे स्थान को 50 हजार रुपये दिये जायेंगे. साथ ही लैपटॉप व किंडल ई-बुक रीडर भी दिया जायेगा. इंटर के चौथे स्थान को व पांचवें स्थान को 15 हजार व लैपटॉप दिया जायेगा. मैट्रिक के चौथे से लेकर दसवें स्थान को दस हजार और लैपटॉप दिया जायेगा.