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सरकारी तंत्र से जुड़े शराब के धंधेबाजों पर करें कड़ी कार्रवाई : मुख्यमंत्री
पटना : मद्य निषेध कार्यक्रम व कार्यान्वयन की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराब के धंधे से जुड़े सरकारी तंत्र के लोगों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिये हैं. उन्होंने कहा कि डीएम व एसपी शराब के धंधे से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी के लिए आपसी सहयोग और समन्वय बना कर तीव्रता से […]
पटना : मद्य निषेध कार्यक्रम व कार्यान्वयन की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराब के धंधे से जुड़े सरकारी तंत्र के लोगों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिये हैं. उन्होंने कहा कि डीएम व एसपी शराब के धंधे से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी के लिए आपसी सहयोग और समन्वय बना कर तीव्रता से काम करें. पुलिस के एक्शन पर जनता का संतोष जरूरी है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन जिलों में शराब की बरामदगी की गयी है, उनसे जुड़े लोगों को चिह्नित करने की जरूरत है. इस धंधे से जुड़े लोगों के नेटवर्क को पकड़ना जरूरी है. धंधे में लिप्त लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की लगातार समीक्षा होती रहनी चाहिए. उन्होंने आईजी (मद्य निषेध) रत्न संजय से कहा कि शराब से जुड़े मामलों को लेकर उन्हें विशेष दायित्व दिया गया है.
यह देखते हुए वे ऐसे मामलों पर स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई सुनिश्चित करें. मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव, डीजीपी व गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को नियमित अंतराल पर समन्वय के लिए समीक्षा करने का भी निर्देश दिया. बैठक में आईजी (मद्य निषेध) ने मुख्यमंत्री को सीज लिक्वर की विनिष्टता, शराब का सेवन करने वालों एवं अवैध धंधे में शामिल लोगों के बारे में तथा वाहनों की जब्ती के संबंध में विस्तृत जानकारी दी.
बैठक में मुख्य सचिव दीपक कुमार, डीजीपी केएस द्विवेदी, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, डीजी सह बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम लिमिटेड के एमडी सुनील कुमार, डीजी (स्पेशल ब्रांच) जेएस गंगवार, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, उत्पाद आयुक्त आदित्य कुमार दास सहित पुलिस विभाग के अन्य वरीय पदाधिकारीगण उपस्थित थे.
पुलिसकर्मियों की छुट्टी की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाएं
पुलिस विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस से हर हाल में अपराध पर लगाम लगाये जाने की उम्मीद है, लेकिन ध्यान रखा जाये कि कोई भी कार्रवाई पूर्वाग्रह रहित हो. पुलिस तंत्र में ऐसी व्यवस्था हो कि समाज में कम से कम गड़बड़ी हो और लोगों का भरोसा पुलिस पर बढ़े.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर थाने में लॉ एंड ऑर्डर तथा इनवेस्टिगेशन के लिए अलग-अलग विंग बनाइये, ताकि कार्यों का निष्पादन त्वरित और बेहतर तरीके से हो. यह पुलिस सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम होगा. उन्होंने कहा कि पुलिस तंत्र में जोनल, रेंज, डिस्ट्रिक्ट स्तर पर ट्रांसफर के जो नियम हैं, उन सबका पालन सुनिश्चित किया जाये.
ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मी के लिए भी छुट्टी पर जाने की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाये ताकि किसी में असंतोष न हो. मुख्यमंत्री ने कहा कि राजगीर में निर्माणाधीन राज्य पुलिस अकादमी में पुलिस उपाधीक्षक, सब इंस्पेक्टर के अतिरिक्त आरक्षी के प्रशिक्षण की भी व्यवस्था सुनिश्चित की जाये.
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