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पटना : स्कूलों में लगायी जायेगी काउंसेलिंग क्लास, मिलेंगे एग्जाम टिप्स

हर दिन एक घंटे की होगी काउंसेलिंग, पैटर्न से जुड़ी ई दिक्कत है तो इस संबंध में भी छात्रों का मार्गदर्शन किया जायेगा पटना : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 10वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षा में शामिल होनेवाले विद्यार्थियों के लिए स्कूलों में काउंसेलिंग क्लास का संचालन किया जायेगा. यह एक घंटे का सत्र […]

हर दिन एक घंटे की होगी काउंसेलिंग, पैटर्न से जुड़ी ई दिक्कत है तो इस संबंध में भी छात्रों का मार्गदर्शन किया जायेगा
पटना : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 10वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षा में शामिल होनेवाले विद्यार्थियों के लिए स्कूलों में काउंसेलिंग क्लास का संचालन किया जायेगा.
यह एक घंटे का सत्र होगा, जिसका हर दिन संचालन किया जायेगा. काउंसेलिंग सत्र के दौरान विद्यार्थियों की शंकाओं का समाधान करने के साथ ही उन्हें प्रश्नपत्र के पैटर्न आदि की जानकारी दी जायेगी. किसी विद्यार्थी को पैटर्न से जुड़ी कोई दिक्कत है, तो इस संबंध में भी उसका मार्गदर्शन किया जायेगा. बताया जाता है कि काउंसेलिंग सत्र का उद्देश्य विद्यार्थियों को परीक्षा के लिए बेहतर तरीके से तैयार करना है, ताकि रिजल्ट भी बेहतर हो.
क्योंकि एस सत्र के दौरान विद्यार्थी प्रश्नपत्र पैटर्न वगैरह से संबंधित अपनी सभी तरह की शंका व दिक्कतों को दूर कर सकेंगे. चूंकि बोर्ड की ओर से 10वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षा-2019 के लिए मॉडल प्रश्नपत्र अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध कराया जा चुका है, अत: प्रश्नपत्र व पैटर्न से संबंधित जो भी परेशानी होगी उसे दूर करने वे लिए वे काउंसेलिंग के दौरान मार्गदर्शन प्राप्त कर सकेंगे. मॉडल प्रश्नपत्र से विद्यार्थी परीक्षा की बेहतर तैयारी कर सकेंगे.
जल्द ही आगामी 10वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षा की होगी घोषणा
हालांकि सीबीएसई की ओर से अभी तक आगामी 10वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षा की घोषणा नहीं की गयी है, लेकिन संभावना जतायी जा रही है कि जल्द ही परीक्षा की घोषणा की जा सकती है. दिसंबर दूसरे या तीसरे सप्ताह तक परीक्षा का डेटशीट जारी किया जा सकता है. उल्लेखनीय है कि इस बार बोर्ड की ओर से प्रश्नपत्र के पैटर्न में बदलाव करते हुए इंटरनल च्वाइस प्रश्नों की संख्या बढ़ायी गयी है. इससे विद्यार्थियों (परीक्षार्थी) को लाभ होगा.
इस प्रक्रिया से रिजल्ट हो सकेगा बेहतर : वे अधिक से अधिक प्रश्नों का उत्तर दे सकेंगे और रिजल्ट बेहतर होने की संभावना है. वहीं प्रश्नपत्र में बदलाव के अलावा उत्तीर्ण होने के लिए हर विषय में ओवरऑल 33 प्रतिशत अंक निर्धारित किया गया है. जबकि पूर्व में थ्योरी व प्रैक्टिकल दोनों में अलग-अलग 33-33 प्रतिशत अंक प्राप्त करना पड़ता था.

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