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पटना : नहीं दिखी दीपक की ‘रोशनी’, अंधेरे में तीर मार रही रेस्क्यू टीम
पटना : शनिवार दोपहर को उफनते सीवर में बह गये दीपक का करीब 40 घंटे बाद बाद भी पता नहीं लग सका है. नाले में उतरीं रेस्क्यू टीमें अभी तक दीपक का पता लगाने मेें असफल रही हैं. रेस्क्यू टीम एक तरह से अंधेरे में तीर मार रही दिख रही है. रेस्क्यू का नेतृत्व कर […]
पटना : शनिवार दोपहर को उफनते सीवर में बह गये दीपक का करीब 40 घंटे बाद बाद भी पता नहीं लग सका है. नाले में उतरीं रेस्क्यू टीमें अभी तक दीपक का पता लगाने मेें असफल रही हैं. रेस्क्यू टीम एक तरह से अंधेरे में तीर मार रही दिख रही है. रेस्क्यू का नेतृत्व कर रहे अफसर अभी तक ये अनुमान तक नहीं लगा सके हैं कि नाले मेें बहा बच्चा किस तरह बहा होगा. दरअसल अंडरग्राउंड नालों का पता नहीं चल पा रहा है. उफनती गंदगी के बीच बच्चा कहां लापता हो गया?
इस सवाल का जवाब अभी तक जिम्मेदार एजेंसियां नहीं बता सकी हैं. इन सबके बीच यह बात साफ हो चुकी है कि नगर निगम और उसकी सहयोगी एजेंसियों की कार्य क्षमता शून्य है. एक छोटे से इलाके में बच्चे को ढूंढ़ने में नाकामयाब रही सरकारी एजेंसियां रविवार को ये बताने में नाकामयाब रहीं कि बच्चा बहकर कहां तक जा सकता है?
हर प्रयास दिख रहा नाकाम : फिलहाल रेस्क्यू टीम में शामिल एनडीआरएफ व एसडीआरएफ के जवान 500 फुट नाले के बीच ऑपरेशन चला रहे हैं.
नाले के अंदर घुस कर खोजबीन की गयी, लेकिन बच्चा नहीं मिल सका. इसके बाद जिला व निगम प्रशासन ने रणनीति बदली और डिसेल्टिंग मशीन के सहयोग से नाले की सफाई करायी, ताकि क्षमता के अनुरूप नाले में पानी का बहाव कराया जाये. इस प्रयास का मकसद था कि बच्चा पानी के साथ बह कर चेंबर तक पहुंच जाये.
हालांकि प्रशासन का यह प्रयास भी नाकाम रहा. शाम पांच बजे डीएम कुमार रवि व नगर आयुक्त अनुपम कुमार सुमन घटना स्थल पर पहुंचे. डीएम के निर्देश पर दो चेंबर के बीच में नाला तोड़ने की कार्रवाई शुरू की गयी तो नया चेंबर मिला. इस चेंबर को डिसेल्टिंग मशीन से साफ करने की प्रक्रिया शुरू की गयी.
रात्रि एक बजे से की जा रही नाले की सफाई : शनिवार रात 12:45 बजे डिसेल्टिंग मशीन को घटना स्थल पर लाया गया. रात 1:00 बजे से रविवार की दोपहर 2:00 बजे तक डिसेल्टिंग मशीन के जरिये दो राउंड में 250 फुट नाले की सफाई की गयी.
पहले राउंड की सफाई के बाद दो चेंबर से एनडीआरएफ की टीम नाले के भीतर गयी. नाले के बीच में जाम होने की वजह से दोनों टीम मिले नहीं. इसके बाद टीम बाहर निकली और नापी की गयी, तो पता चला कि सात-आठ फुट में थर्मोकोल व कचरा फंसा है. दूसरे राउंड में डिसेल्टिंग मशीन को नाले की सफाई में लगाया गया. इसके बाद 2:00 बजे संप हाउस के तीन मोटर चलाया गया, ताकि पानी के बहाव के साथ बच्चा चेंबर तक पहुंच जाये. लेकिन, बच्चा चेंबर तक नहीं पहुंच सका.
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