पटना : मुजफ्फरपुर बालिका गृह दुष्कर्म कांड में पुलिस, सीबीआई के बाद अब आयकर विभाग शिकंजा कसने लगा है. ‘सेवा संकल्प व विकास समिति’ की कुंडली आयकर विभाग ने खंगाली तो घालमेल उजागर हो गया है. इस एनजीओ का संचालक बालिका गृह दुष्कर्म कांड का मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर है. आयकर विभाग ने एसेसमेंट रीओपन करने का नोटिस ‘सेवा संकल्प व विकास समिति’ को जारी किया है. 30 दिन का समय दिया गया है. इसके बाद विभाग अपने स्तर से कार्रवाई शुरू करेगा.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हुई इंट्री
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आयकर विभाग की इंट्री मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में हुई है. कोर्ट ने आदेश दिया है कि इस कांड के मुख्य आरोपी और ‘सेवा संकल्प व विकास समिति’ एनजीओ के संचालक ब्रजेश ठाकुर के बही-खातों की जांच की जाये. सूत्रों ने बताया कि पिछले 10 सालों में सरकार ने ‘सेवा संकल्प’ एनजीओ को करीब साढ़े चार करोड़ रुपये जारी किये हैं. इसकी पड़ताल आयकर विभाग ने की है. आयकर विभाग दस्तावेजों की जांच की तो गड़बड़ी सामने आने लगी है. हालांकि, अभी विभागीय स्तर पर कुछ भी कहने से साफ इन्कार किया जा रहा है.
छह सालों का खंगाला गया रिकॉर्ड
खास बात यह है कि आयकर विभाग ने पिछले छह सालों का रिकॉर्ड खंगाला है. नियमानुसार अधिकतम छह सालों की ही जांच हो सकती है. अब ब्रजेश ठाकुर की मुश्किलें और बढ़ेंगी. गौरतलब हो कि टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस (टीस) मुंबई की टीम जब जनवरी माह में सोशल ऑडिट करने पहुंची तो बालिका गृह में कई स्तर पर गड़बड़ी मिली. मुजफ्फरपुर से मधुबनी, मोकामा और पटना भेजी गयीं बच्चियों का मेडिकल टेस्ट कराया गया तो हकीकत सामने आयी. 44 में से 42 बच्चियों का मेडिकल कराया गया, जिनमें 29 से यौन शोषण की पुष्टि हुई थी. बालिका गृह के संचालन की जिम्मेदारी सेवा संकल्प व विकास समिति को 2013 में सौंपी गयी थी.