पटना : गुजरात प्रकरण के बाद भाजपा और एनडीए समर्थक दल कांग्रेस पर आरोप लगा रहे हैं. वहीं, कांग्रेस के निशाने पर वहां की भाजपा सरकार है. इस प्रकरण में गुजरात के कांग्रेस विधायक अल्पेश ठाकोर के संगठन ठाकोर सेना के नाम आने के बाद से कांग्रेस पर आरोपों का दौर जारी है. बिहार कांग्रेस अल्पेश ठाकोर का बचाव कर रही है, इसलिए पार्टी कटघरे में है. बकि, बिहार कांग्रेस के दो बड़े प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल और अल्पेश ठाकोर के गुजरात से होने के कारण यहां की राजनीति गरमा गयी है. ऐसे में संभावना जतायी जा रही है कि आगामी चुनाव में प्रदेश में कांग्रेस को नुकसान से बचाने के लिए गोहिल और ठाकोर की छुट्टी हो सकती है.
सूत्रों का कहना है कि बिहार और हिंदी भाषी क्षेत्र के लोगों की गुजरात में पिटाई और उनके पलायन के बाद कांग्रेस और उसके नेता अल्पेश ठाकोर की बिहार में नकारात्मक छवि बन रही है. बिहार के कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल भी गुजरात से हैं. ऐसे में चुनाव में बिहारी अस्मिता के सवाल पर राजनीतिक दल गोहिल और ठाकोर को केंद्र में रखते हुए कांग्रेस के खिलाफ घेराबंदी कर सकते हैं. चुनाव में इसका सीधा नुकसान कांग्रेस को भुगतना पड़ सकता है.
बिहार कांग्रेस कर रही अल्पेश का बचाव
गुजरात प्रकरण के बाद बिहार कांग्रेस अल्पेश ठाकोर का बचाव कर रही है. बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि गुजरात में बिहारियों पर हमला भाजपा की साजिश है. कांग्रेस अध्यक्ष डॉ मदन मोहन झा ने कहा है कि गुजरात की भाजपा सरकार की अक्षमता से वहां हिंसा हो रही है. वहां की कानून-व्यवस्था खराब है. ऐसे में उन्होंने गुजरात में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है. कांग्रेस के सांसद अखिलेश सिंह ने कहा कि वहां की भाजपा सरकार अपनी नाकामियों को छिपा रही है.
क्या कहते हैं समाजशास्त्री
समाजशास्त्री डॉ डीएम दिवाकर कहते हैं कि कांग्रेस नेताओं को आरोपित बनाने की भाजपा लगातार कोशिश कर रही है. अगले चुनाव में भी यह मुद्दा हो सकता है. इन स्थितियों से बचने के लिए कांग्रेस को अपना शिष्टमंडल गुजरात भेजकर वहां की स्थिति की जांच करानी चाहिए. उस जांच में अल्पेश ठाकोर और शक्ति सिंह गोहिल की गुजरात प्रकरण में यदि कोई संलिप्तता पायी जाये तो उन पर कार्रवाई होनी चाहिए. यदि वे निर्दोष पाये जाएं तो यह बात पुख्ता तथ्यों के साथ लोगों के सामने लाना चाहिए. उन्होंने कहा कि गुजरात में भाजपा की सरकार है. इसलिए कानून-व्यवस्था संभालना उसकी जिम्मेदारी है. वहीं, बिहार के मुख्यमंत्री और मंत्रियों को भी गुजरात जाकर स्थिति का जायजा लेना चाहिए.
कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ सवर्ण सेना के युवकों की झड़प
सदाकत आश्रम में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ सवर्ण सेना के युवकों की गुरुवार को झड़प हुई. इस दौरान पुलिस ने हस्तक्षेप कर मामला शांत कराया. पुलिस वहां पहले से मौजूद थी. जानकारी के मुताबिक सवर्ण सेना के कार्यकर्ता गुजरात में बिहारियों और हिंदीभाषियों की पिटाई के मामले को लेकर कांग्रेस के बिहार प्रभारी अल्पेश ठाकोर और शक्ति सिंह गोहिल को हटाने की मांग कर रहे थे.
क्या कहती है कांग्रेस : कांग्रेस नेताओं ने सवर्ण सेना के इस प्रदर्शन और झड़प को भाजपा प्रायोजित बताया है. पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा कि प्रदर्शनकारियों के हाथों में भगवा झंडे थे. यह झंडा बजरंग दल और संघ के लोग इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस को इस प्रदर्शन की सूचना पहले से थी. इसलिए प्रदर्शनकारियों के पहुंचने से पहले ही पुलिस मौजूद थी.