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बिहार में अपराध रोकने को डीजीपी ने संभाली कमान

पटना : राज्य में बीते दिनों संवेदनशील आपराधिक घटनाएं जोनल पुलिस महानिरीक्षक, डीआईजी और एसपी/सीनियर एसपी की पेट्रोलिंग और नाकाबंदी पर पूरा ध्यान नहीं देने से घटी हैं. पुलिस मुख्यायल ने यह महसूस किया है कि राज्य में पेट्राेलिंग एवं नाकाबंदी के लिए जो विस्तृत आदेश दिये गये थे, यदि उसका कड़ाई से अनुपालन होता […]

पटना : राज्य में बीते दिनों संवेदनशील आपराधिक घटनाएं जोनल पुलिस महानिरीक्षक, डीआईजी और एसपी/सीनियर एसपी की पेट्रोलिंग और नाकाबंदी पर पूरा ध्यान नहीं देने से घटी हैं. पुलिस मुख्यायल ने यह महसूस किया है कि राज्य में पेट्राेलिंग एवं नाकाबंदी के लिए जो विस्तृत आदेश दिये गये थे, यदि उसका कड़ाई से अनुपालन होता तो कानून व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न लगाने वाली कोई वारदात न होती. पुलिस महानिदेशक केएस द्विवेदी ने इस पर चिंता प्रकट की है.
इस कमी को तत्काल दुरुस्त करने की नसीहत के साथ ही दंगा के मामलों की जांच रिपोर्ट चार अक्तूबर तक देने के आदेश दिये हैं. वारदात होने पर पुलिस का रिस्पांस टाइम घटाकर 10 से 15 मिनट करने को कहा है.
मुख्यमंत्री और प्रधान सचिव गृह की समीक्षा बैठकों में कानूून व्यवस्था को लेकर लगातार बैकफुट पर रही पुलिस को अपराध के खिलाफ फ्रंट पर लाने के लिए पुलिस महानिदेशक केएस द्विवेदी ने 25 सितंबर को राज्य के सभी एसपी, सीनियर एसपी, रेंज डीआईजी और जोनल आईजी को पत्र लिखा है. अपराध नियंत्रण एवं विधि व्यवस्था को बिल्कुल दुरुस्त करने काे डीजीपी ने पत्र में आला अधिकारियों के अच्छे काम की सराहना भी की है.
यह आईना भी दिखाया है कि यदि वह सभी जिम्मेदारियों पर पूरा ध्यान देते तो पुलिस की कई जगह फजीहत न होती. डीजीपी ने तीन पेज के पत्र में दो टूक कहा है कि नाका, गश्ती, चेकिंग, दागियों की जांच, गिरफ्तारी, जब्ती अपराध नियंत्रण के अचूक उपाय हैं. इस पर किसी को संदेह नहीं होना चाहिए. हाल के दिनों में यह महसूस किया जा रहा है कि पेट्रोलिंग एवं नाकाबंदी पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जा रहा है. परिणाम स्वरूप संवेदनशील आपराधिक घटनाएं घटित हो जा रही हैं.
गश्ती में थानाें के कनीय अधिकारी लगाये जा रहे हैं. उन्होंने पत्र में अधीनस्थ अफसरों से अनुराेध किया है कि कृपया सुनिश्चित करें कि थानाध्यक्ष स्वयं भी पेट्रोलिंग करें. अंचल निरीक्षक, एसडीपीओ और एसपी निर्धारित मापदंड के अनुरूप गश्ती एवं गश्ती की जांच करेंगे. डीजीपी ने पूर्व में सांप्रदायिक प्रकृति के सभी लंबित कांडों में जांच पूरी कर चार्जशीट दाखिल करने के आदेश दिये थे. कई जिले इस कार्य में पिछड़े हुए हैं.

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