नयी दिल्ली / पटना : राज्यसभा सदस्यता से अयोग्यता के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने शरद यादव को नोटिस जारी किया है. जदयू नेता रामचंद्र प्रसाद सिंह (आरसीपी सिंह) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दिल्ली हाईकोर्ट के 11 सितंबर के आदेश को चुनौती दी थी. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने शरद यादव को नोटिस जारी कर दो हफ्ते मे जवाब मांगा है.
जानकारी के मुताबिक, राज्यसभा सदस्यता से अयोग्यता के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने शरद यादव को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब मांगा है. जदयू नेता रामचंद्र प्रसाद सिंह (आरसीपी सिंह) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दिल्ली हाईकोर्ट के 11 सितंबर के आदेश को चुनौती दी थी. जदयू ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा है कि अपनी नयी पार्टी बनाने के बावजूद शरद यादव दिल्ली हाईकोर्ट में खुद को जदयू का सदस्य बता रहे हैं. वह खुद को जदयू का सदस्य बताकर सिर्फ अपनी राज्यसभा की सदस्यता बचाना चाहते हैं. इस पर जस्टिस एके सिकरी और जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने शरद यादव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
क्या है मामला
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा राजद से अलग होकर भाजपा के साथ सरकार बनाये जाने पर शरद यादव नाराज हो गये थे. साथ ही विपक्षी दलों के साथ राजनीतिक मंच भी साझा करने लगे थे. इसके बाद जदयू ने राज्यसभा के सभापति से पार्टी नेता शरद यादव और अली अनवर के खुद ही पार्टी छोड़ कर विपक्षी दलों के कार्यक्रम में जाना शुरू कर दिये जाने की बात कहते हुए उनकी राज्यसभा सदस्यता खत्म करने की मांग की. राज्यसभा के सभापति ने दोनों नेताओं की राज्यसभा की सदस्या से अयोग्य करार दे दिया. इसके बावजूद सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के पिछले साल 15 दिसंबर के आदेश में संशोधन करते हुए शरद यादव की याचिका लंबित रहने तक वेतन, भत्ते और दूसरी सुविधाएं लेने और सरकारी बंगले में रहने की अनुमति दे दी थी.