पटना सिटी : नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एमबीबीएस की डेढ़ सौ सीटों पर नामांकन के लिए स्थायी मान्यता मिले, इसके लिए निरीक्षण को पहुंची टीम ने दूसरे दिन शनिवार को विभागाध्यक्षों के साथ बैठक कर कमियों को गिनाया.
टीम में शामिल एमसीआई के सदस्य व गुजरात मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग के डॉ विपुल कक्कड़ व स्वास्थ्य विभाग के प्रशांत कुमार ने महिला व प्रसूति विभाग की प्रभारी अध्यक्ष डॉ बिंदु सिन्हा, शिशु रोग विभाग की अध्यक्ष डॉ अलका सिंह व मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ उमा शंकर प्रसाद के साथ बैठक की. बैठक के दरम्यान बीते निरीक्षण में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की टीम द्वारा दर्शायी गयी कमियों की जानकारी देते हुए प्रगति रिपोर्ट मांगी. टीम के सदस्यों ने मेडिसिन विभाग में इजेंक्शन ट्रीटमेंट रूम व स्टूडेंट की पढ़ाई के लिए अलग से कक्ष की व्यवस्था सरीखे अन्य बिंदुओं को उठाया. वहीं, शिशु रोग विभाग व महिला प्रसूति विभाग में आउटडोर में उपचार के लिए आने वाले मरीजों की व्यवस्था में सुधार के लिए कहा.
टीम के सदस्यों ने निरीक्षण के दरम्यान अस्पताल में ओपीडी में उपचार कराने के लिए आने वालें मरीजों की संख्या केंद्रीय पंजीयन काउंटर से ली. साथ ही इमरजेंसी में भर्ती मरीज व अस्पताल में प्रतिदिन होने वाले आॅपरेशन की जानकारी भी ली. टीम कमियों को दर्शाते हुए उसे दुरुस्त करने का निर्देश देकर वापस लौटी. टीम की विभागाध्यक्षों के साथ हुई बैठक में कॉलेज के प्राचार्य डॉ सीताराम प्रसाद व अस्पताल के अधीक्षक डॉ चंद्रशेखर भी उपस्थित थे.
टीम वे निरीक्षण में उपकरण की कमियों को भी दर्शाया. साथ ही वहां कार्यरत चिकित्सकों का सत्यापन व प्रमाणपत्रों की जांच की. टीम के सदस्य अपनी रिपोर्ट विभाग व एमसीआई को सौंपेगे. अस्पताल के प्राचार्य डॉ सीताराम प्रसाद व अस्पताल अधीक्षक डॉ चंद्रशेखर का कहना है कि सीट बढ़ाने के मामले में जो कमी दर्शायी गयी है, उसे विभाग के सहयोग से दूर कर लिया जायेगा. उम्मीद है कि भविष्य में कॉलेज में 150 सीटों पर एमबीबीएस पर नामांकन होगा. अभी कॉलेज में एक सौ सीटों की स्थानीय मान्यता मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से प्राप्त है.