पटना : एससी-एसटी एक्ट में संशोधन के विरोध में गुरुवार को भारत बंद का असर सूबे में दिखा गया. कई जिलों में सवर्ण सेना के कार्यकर्ता सुबह से ही सड़क पर उतर गये और सड़क पर आगजनी कर हंगामा किया़ कई जगहों पर यातायात प्रभावित हुआ. कई जगह ट्रेनें रोकी गयीं.
कई ट्रेनें लेट भी हुई हैं. ट्रेनें लेट होने की वजह से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा. मुंगेर जिले के रतनपुर स्टेशन पर मालदा इंटरसिटी व मसूदन स्टेशन पर ट्रेन रोके जाने के कारण करीब छह घंटे तक रेल परिचालन ठप रहा. जमालपुर स्टेशन पर छह घंटे कई ट्रेनें खड़ी रहीं. िबहारशरीफ में बंद समर्थकों ने जमकर उत्पात मचाया. जगह-जगह टायर जला कर यातायात को बाधित किया. वाहनों के शीशे भी चटकाये. इधर, मुजफ्फरपुर जिले के सकरा में बंद के दौरान जाम में फंसे सर्पदंश से जख्मी की मौत हो गयी.
पथराव में एएसपी का सिर फूटा, लाठीचार्ज
जहानाबाद : सवर्ण सेना के आह्वान पर भारत बंद का जिले में व्यापक असर देखा गया. सभी प्रखंडों में जगह-जगह पर बंद समर्थकों द्वारा टायर जला कर एक्ट का विरोध किया गया.
बंद के दौरान मोदनगंज प्रखंड के वैना गांव में असामाजिक तत्वों द्वारा की गयी रोड़ेबाजी में एएसपी अभियान संजीव कुमार को चोटें आयीं. उनका सिर फूट गया, जिसके बाद उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें विशेष इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजा गया. मोदनगंज प्रखंड में एएसपी पर पथराव के बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया. एक्ट के विरोध में भारत बंद को देखते हुए जिला प्रशासन भी पूरी तरह से मुस्तैद था.
गया में बंद समर्थकों का पथराव, डीएसपी समेत कई घायल
गया. एससी-एसटी एक्ट के विरोध में गुरुवार को बुलाये गये भारत बंद का असर गया शहर के अंदर कुछ खास नहीं दिखा, लेकिन शहर के आसपास के इलाके में बंद असरदार रहा. बंद समर्थकों ने केंदुई, मानपुर व बेलागंज में जम कर उत्पात भी मचाया. बेलागंज में बंद समर्थकों में दर्जनों गाड़ियों के शीशे तोड़ दिये, लोगों व पुलिस पर रोड़ेबाजी की.
इसमें विधि-व्यवस्था डीएसपी संजीत कुमार प्रभात समेत दर्जनों लोगों को चोटें आयी है. बाद में बंद समर्थकों को भगाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े. पुलिस द्वारा फायरिंग किये जाने की बात भी सामने आ रही है. लेकिन, पुलिस अधिकारी फायरिंग की बात से मुकर रहे हैं.
बंद समर्थकों पर हल्का बल प्रयोग कर तितर&बितर करने का प्रयास किया. इतने में बंद समर्थक भड़क गये. पुलिस पर ही रोड़ेबाजी करने लगे. पुलिस ने आंसू गैस के गोले दाग कर बंद समर्थकों को हटाया. इस दौरान गोली भी चलाये जाने की बात सामने आ रही है. हालांकि पुलिस गोलीबारी किये जाने की बात से इन्कार कर रही है.
बाद में पुलिस ने बगल के कॉलोनी में घुसे बंद समर्थकों पर खूब लाठियां भांजी. इस दौरान रोड़ेबाजी में कई लोग के साथ पुलिसवालों को भी चोटें लगी है. पूरे इलाके को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया. इधर मानपुर में दुकानें नहीं के बराबर खुली दिखी.
एसएसपी राजीव मिश्रा ने बताया कि कुछ जगहों पर बंद समर्थकों ने सुबह से ही जाम लगा दिया था. पुलिस के समझाने पर जाम को हटा लिया. बेलागंज में बंद समर्थकों ने लंबा जाम लगा दिया था. पुलिस पदाधिकारी जब जाम समर्थकों को समझाने पहुंचे तो गाड़ियों में
तोड़फोड़ व स्कूली बच्चों के साथ मारपीट करने लगे. उन्होंने बताया कि इस दौरान बंद समर्थकों ने रोड़ेबाजी की. रोड़ेबाजी में स्कूली बच्चों के साथ-साथ विधि-व्यवस्था डीएसपी को भी चोटें आयी है. इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है. बंद समर्थकों पर केस दर्ज किया गया है. उधर, नवादा, औरंगाबाद और सासाराम में भी बंद का असर रहा. समर्थकों ने सड़क व रेल ट्रैक जाम कर प्रदर्शन किया.
लड़ाई व प्रदर्शन से कुछ नहीं मिलेगा- मंत्री
नगर निगम के एक कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे सूबे के नगर विकास एवं आवास विभाग के मंत्री सुरेश शर्मा ने भारत बंद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि लड़ाई व प्रदर्शन से बेहतर है कि भाईचारे के बल पर सब कुछ का समाधान निकाल लिया जाये. उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार सबके साथ सबका विकास के फॉर्मूला पर काम कर रही है. विकास होने के बाद सारी लड़ाई दूर हो जायेगी.
बेगूसराय : बेगूसराय से खगड़िया की ओर लौट रहे पूर्व मंत्री श्याम रजक व साथ चल रहे विधायकों के काफिले पर इनियार एवं बलिया थाना क्षेत्र के बीच शरारती तत्वों ने हमला कर दिया. इसमें श्री रजक सहित अंगरक्षक एवं एक स्काॅर्ट पार्टी के जवान घायल हो गये. बलिया थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.
पूर्व मंत्री बेगूसराय स्थित सर्किट हाउस में समीक्षा बैठक कर खगड़िया की ओर जा रहे थे. शरारती तत्वों ने वाहनों पर रोड़ेबाजी कर दी. मंत्री के बॉडीगार्ड ने जवाब फायरिंग की तो शरारती तत्वों ने रोड़ेबाजी कर कारबाइन को क्षतिग्रस्त कर दिया.
काफिले में अगियांव के विधायक प्रभुनाथ राम, मोहनिया के विधायक निरंजन राम, रजौली के विधायक प्रकाश वीर सहित दर्जनों लोग शामिल थे. इधर, इसकी जानकारी मिलते ही बलिया के एसडीपीओ अंजनी कुमार, थानाध्यक्ष सुनील कुमार, पुलिस अधिकारी विपिन कुमार सिंह ने मामले की छानबीन शुरू कर दी.