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पटना : अतिथि शिक्षकों को निर्धारित पारिश्रमिक देने का आदेश
पटना : राज्य के सभी हाईस्कूलों में अंग्रेजी, विज्ञान व गणित विषयों में बेहतर व गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई के लिए अतिथि शिक्षकों की सेवा बहाल की गयी है. इन सभी शिक्षकों को विभाग की तरफ से निर्धारित पारिश्रमिक पर ही सेवा लेने का आदेश जारी किया गया है. इस बारे में शिक्षा विभाग ने सभी डीईओ […]
पटना : राज्य के सभी हाईस्कूलों में अंग्रेजी, विज्ञान व गणित विषयों में बेहतर व गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई के लिए अतिथि शिक्षकों की सेवा बहाल की गयी है. इन सभी शिक्षकों को विभाग की तरफ से निर्धारित पारिश्रमिक पर ही सेवा लेने का आदेश जारी किया गया है. इस बारे में शिक्षा विभाग ने सभी डीईओ को लिखित आदेश दिया है. इसके अनुसार, इनके संबंधित क्षेत्र में स्थित सभी जिला परिषद एवं विभिन्न निकायों में मौजूद राजकीय, राजकीयकृत और राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के अंतर्गत उच्च माध्यमिक स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की सेवा तय पारिश्रमिक पर ही ली जाये. इस बात का सतत मॉनीटरिंग करने को पदाधिकारियों से कहा गया है. गौरतलब है कि हाल में सभी जिलों के साथ हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में प्रधान सचिव आरके महाजन ने आदेश दिया था कि इसका पालन पूरी पारदर्शिता से किया जाये.
पटना : एएन सिन्हा सामाजिक अध्ययन के सभागार में डॉ आरके सिन्हा मेमोरियल लेक्चर का आयोजन डॉ आरके सिन्हा मेमोरियल कमेटी एवं अंग्रेजी विभाग के तत्वावधान में ‘‘प्राचीन भारत की अस्मिता एवं उसकी उपयुक्त भाषा’’ एवं ‘‘कहानी की उपादेयता’’ विषयों पर आयोजित किया गया.
कार्यक्रम का उद्घाटन पटना विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रास बिहारी प्रसाद सिंह द्वारा किया गया. डॉ आरके सिन्हा की 16वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पद्मभूषण डॉ बिंदेश्वर पाठक उपस्थित थे.
पद्मभूषण डॉ बिंदेश्वर पाठक ने मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए डॉ आरके सिन्हा को याद किया तथा उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला. उन्होंने डॉ आरके सिन्हा की पुस्तक ‘लिटरेरी इन्फ्लूयेंसेज ऑन डीएच लॉरेंस’ को पुन: प्रकाशित कराने की घोषणा की तथा डीएच लॉरेंस एवं मानव संबंधों पर अंतरराष्ट्रीय सेमिनार पर बल दिया. डॉ पाठक ने विस्तार से स्वच्छता पर प्रकाश डाला तथा सुलभ इंटरनेशनल की शुरुआत की कहानी बतायी.
मानवीय गुणों का होना बहुत आवश्यक : प्राचीन भारत की अस्मिता पर साना विश्वविद्यालय, यमन के अंग्रेजी विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ दामोदर ठाकुर ने प्राचीन भारत की अस्मिता पर प्रकाश डाला तथा उसकी अस्मिता की खोज में भाषा के महत्व को रेखांकित किया.
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग के प्रोफेसर डॉ संजय दत्त राय ने कहानी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कहानी मानव को सभ्य बनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. डॉ आरके सिन्हा के शिक्षकत्व को याद करते हुए सुलभ इंडिया के संपादक डॉ अवधेश कुमार शर्मा ने कहा कि शिक्षक में योग्यता, वाक् शैली तो होनी ही चाहिए पर मानवीय गुणों काहोना बहुत आवश्यक है. डॉ सिन्हा छात्रों को किताब, कपड़ा, भोजन, आवास आदि उपलब्ध भी कराते थे.कुलपति डॉ रास बिहारी प्रसाद सिंह ने उद्घाटन भाषण देते हुए कहा कि डॉ आरके सिन्हा चेयर स्थापित करने के लिए संस्था के सचिव डॉ समीर कुमार शर्मा तथा अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ शंकर आशीष दत्त से प्रस्ताव मांगा तथा कहा कि ऐसे महान शिक्षक की याद को संजो कर रखा जाना चाहिए.
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