पटना : राष्ट्रीय महिला आयोग ने बिहार के बिहिया में एक महिला को निर्वस्त्र घुमाने और उसकी पिटाई करने के मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए बिहार सरकार को नोटिस भेजा है. मानवाधिकारी आयोग ने मुख्य सचिव को नोटिस भेज कर 4 हफ्ते में जवाब मांगा है. साथ ही आयोग ने डीजीपी को निर्देश दिया कि पीड़ित महिला और उनके परिजनों को सुरक्षा दी जाये. वहीं, यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि कोई भी अपराधी पीड़ित या उनके परिवार वालों को डराया और धमकाया न जा सकें. मुख्य सचिव से मामले में पूरी विस्तृत रिपोर्ट तलब की गयी है.
आयोग का कहना है कि भोजपुर के बिहिया में युवक की हत्या के शक में महिला को भीड़ ने ने केवल पिटाई की, बल्कि भीड़ ने महिला के कपड़े उतरवाकर जुलूस निकला. यह पूरी घटना मानवाधिकार का उल्लंघन है. मीडिया रिपोर्ट देखने के बाद एनअचआरसी ने माना की घटना के समय पुलिस प्रशासन की लापरवाही है. आयोग ने इस मामले में हुए कुछ लोगों की गिरफ्तारी को नाकाफी माना है. विदित हो कि इससे पहले राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी इस मामले पर राज्य के पुलिस महानिदेशक से की गयी कार्रवाई का ब्यौरा मांगा था.
गौरतलब हो कि गत 19 अगस्त से लापता विमलेश शाह (19) का शव कल बिहिया थाना क्षेत्र में रेल पटरी के नजदीक मिला था. इसके बाद उनकी हत्या में शामिल होने के संदेह में भीड़ ने एक महिला को निर्वस्त्र कर सड़क पर पीटते हुए घुमाया था. शाह के गांव दामोदरपुर के लोगों ने उसका शव मिलने के समीप रेड लाइट एरिया में रहने वालों पर उनकी गला घोंट कर हत्या करने का संदेह व्यक्त किया था. ग्रामीणों ने स्थानीय बाजार पर हमला बोलते हुए निर्वस्त्र करके घुमायी गयी महिला के घर सहित कई दुकानों में आग लगा दी थी और पास से गुजर रही एक ट्रेन पर भी पथराव किया था. घटनास्थल पर पहुंची पुलिस को हिंसा पर उतारू लोगों को नियंत्रित करने के लिए छह राउंड हवाई फायरिंग करनी पड़ी थी. कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने भीड़ से महिला को छुड़ाया और अपनी कस्टडी में लेकर उसे कपड़ा पहनाया था. पुलिस ने इस मामले में अब तक 16 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं, कर्तव्य के प्रति लापरवाही बरतने के आरोप में आठ पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है.