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पटना : वैशाली जहरीली शराब कांड मामले में दो उत्पाद पदाधिकारी आरोपमुक्त
विभागीय जांच में बताया गया है कि परिजनों ने अपने बयान में मृत्यु का कारण बीमारी बताया था पटना : वैशाली के राजापाकर थाना स्थित बसौली गांव में तीन व्यक्तियों के तथाकथित जहरीली शराब से मौत के मामले में निबंधन उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने दो उत्पाद पदाधिकारियों को आरोपमुक्त कर दिया है. 16 […]
विभागीय जांच में बताया गया है कि परिजनों ने अपने बयान में मृत्यु का कारण बीमारी बताया था
पटना : वैशाली के राजापाकर थाना स्थित बसौली गांव में तीन व्यक्तियों के तथाकथित जहरीली शराब से मौत के मामले में निबंधन उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने दो उत्पाद पदाधिकारियों को आरोपमुक्त कर दिया है. 16 नवंबर 2017 को हुई इस घटना में चार लोगों की मौत हुई थी. मिली जानकारी के मुताबिक इस घटना के बाद वैशाली के तत्कालीन उत्पाद अधीक्षक रामबाबू व उत्पाद निरीक्षक फैयाज अहमद पर कर्तव्य में लापरवाही व मॉनीटरिंग के अभाव को लेकर प्रपत्र क गठित कर विभागीय कार्रवाई शुरू की गयी.
विभागीय जांच में बताया गया है कि मृतकों के परिजनों ने अपने बयान में मृत्यु का कारण बीमारी बताया था. सिविल सर्जन ने भी प्रथम दृष्टया टीबी का मरीज होने की बात कही थी. डीडीसी की जांच में भी सामने आया कि विक्रेता के पास नीरा बिक्री का लाइसेंस था और उसने पहली बार अपने घर में शराब बनाने का प्रयास किया था. इन बिंदुओंको ध्यान में रखते हुए दोनों उत्पाद पदाधिकारियों को आरोप से मुक्त कर दिया गया है.
गोपालगंज-मुंगेर के उत्पाद पदाधिकारियों को निंदन की सजा
निबंधन, उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने कर्तव्य में लापरवाही व उदासीनता को लेकर गोपालगंज के तत्कालीन उत्पाद निरीक्षक संजय कुमार चौधरी और मुंगेर के तत्कालीन उत्पाद अधीक्षक तारिक महमूद को निंदन की सजा सुनायी है. दोनों के खिलाफ पहली जांच रिपोर्ट में आरोप प्रमाणित नहीं हुए. तारिक महमूद के मामले में तीन वार्षिक वेतनवृद्धि रोकने का प्रस्ताव था, लेकिन बीपीएससी की अनुशंसा नहीं मिलने पर सिर्फ निंदन की सजा दी गयी.
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