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पटना : कॉलेज से लेकर इंटर काउंसिल तक हंगामा
स्नातक में एडमिशन प्रक्रिया अचानक स्थगित होने की सूचना पर बिफरे छात्र पटना : कॉलेजों में स्नातक में दाखिले की प्रक्रिया अचानक स्थगित कर दी गयी. एडमिशन प्रक्रिया के अचानक रुक जाने के बाद विभिन्न कॉलेजों में स्टूडेंट्स ने हंगामा शुरू कर दिया. यह हंगामा कॉलेजों से इंटर काउंसिल तक पहुंच गया. सुबह से ही […]
स्नातक में एडमिशन प्रक्रिया अचानक स्थगित होने की सूचना पर बिफरे छात्र
पटना : कॉलेजों में स्नातक में दाखिले की प्रक्रिया अचानक स्थगित कर दी गयी. एडमिशन प्रक्रिया के अचानक रुक जाने के बाद विभिन्न कॉलेजों में स्टूडेंट्स ने हंगामा शुरू कर दिया. यह हंगामा कॉलेजों से इंटर काउंसिल तक पहुंच गया.
सुबह से ही बिहार बोर्ड की तरफ से जारी फर्स्ट कट ऑफ लिस्ट के आधार पर विभिन्न कॉलेजों में एडमिशन लेने पहुंचे स्टूडेंट्स को जैसे ही एडमिशन स्थगित होने की जानकारी मिली वे आक्रोशित हो उठे. खास बात यह रही कि फर्स्ट कट ऑफ लिस्ट के अनुसार 24 जुलाई तक एडमिशन होना था, लेकिन बोर्ड ने 22 जुलाई को रात नौ बजे एडमिशन प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया.
इसकी जानकारी समय पर न तो कॉलेजों को ही मिल सकी और न ही छात्रों काे. ऐसे में तब 23 जुलाई काे छात्र नामांकन के लिए कॉलेज पहुंचे, तो रोक की जानकारी मिली और वे आक्रोशित हो गये. एडमिशन की प्रक्रिया में अब आगे क्या होगा इसकी जानकारी भी किसी स्टूडेंट्स को स्पष्ट नहीं मिल रही थी.
दूर-दूर से पहुंचे थे छात्र: फिलहाल इस पूरे मामले में कॉलेजों में जम कर हंगामा हुआ. लखीसराय से एडमिशन के लिए आये मनीष सुबह आठ बजे ही एएन कॉलेज पहुंच गये थे. एडमिशन नहीं होने के कारण वह काफी मायूस हो गये. आगे क्या होगा इसकी जानकारी के लिए इधर-उधर भटकने लगे. कॉलेजों द्वारा स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पा रही थी. स्पष्ट जानकारी नहीं मिलने के कारण स्टूडेंट्स बिहार बोर्ड की तरफ रुख कर गये.
बोर्ड पर मेरिट लिस्ट में गड़बड़ी करने का लगाया आरोप
छात्रों के अनुसार यह स्थिति सिर्फ पटना जिले ही
नहीं, बल्कि राज्य के अन्य जिलों में भी है. सुबह
लगभग 11:00 बजे करीब आधा घंटा तक हंगामा
करने के बाद छात्र लौट गये. तब तक स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंच चुकी थी. हंगामा करनेवालों में कॉमर्स कॉलेज छात्र संघ के अध्यक्ष विकास बॉक्सर, सागर उपाध्याय, संयुक्त सचिव अमित पाठक, शुभम सिंह, आलोक सिन्हा, छोटू सिंह, अभय, रोशन, राहुल, दिवाकर, मंटू झा, डॉक्टर मुकेश, प्रकाश व अन्यशामिल थे.
क्या है आरोप :
छात्रों ने कहा कि इंटरमीडिएट
अथवा प्लस-टू की परीक्षा में बेहतर प्राप्तांक वाले विद्यार्थियों का चयन दूरस्थ व संबद्ध कॉलेजों के लिए किया गया है, जबकि कम अंक वाले विद्यार्थियों का शहर स्थित कॉलेजों के लिए चयन किया गया है.
कॉलेजों को मिले जिम्मेदारी
छात्रों ने कहा कि ऑनलाइन सिस्टम का वे स्वागत करते हैं, लेकिन यह सेंट्रलाइज्ड न हो. इसकी जिम्मेदारी सभी कॉलेजों को दी जाये.
छात्रों के अनुसार संबंधित समस्याओं को लेकर उन्होंने राज्यपाल से भी मुलाकात की थी. उसके बाद बिहार बोर्ड के साथ वार्ता हुई. बोर्ड के समक्ष मेरिट लिस्ट के साथ वेबसाइट पर कट ऑफ जारी करने भी मांग की गयी थी. लेकिन, कट ऑफ जारी नहीं किया गया.
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