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पटना : औरंगाबाद और जुमई में भूजल स्तर चार फुट से अधिक नीचे खिसका
पटना : कम बारिश की मार झेल रहे बिहार के लिए एक और बुरी खबर है. यहां के कई जिलों में भूजल स्तर तेजी से नीचे जा रहा है. पिछले साल की तुलना में औरंगाबाद और जमुई में चार फुट से अधिक नीचे जल स्तर चला गया है. पटना, जहानाबाद, बांका, वैशाली, सीवान और समस्तीपुर […]
पटना : कम बारिश की मार झेल रहे बिहार के लिए एक और बुरी खबर है. यहां के कई जिलों में भूजल स्तर तेजी से नीचे जा रहा है. पिछले साल की तुलना में औरंगाबाद और जमुई में चार फुट से अधिक नीचे जल स्तर चला गया है. पटना, जहानाबाद, बांका, वैशाली, सीवान और समस्तीपुर में दो से तीन फुट तक भूजल स्तर नीचे चला गया है.
नालंदा, नवादा, कैमूर और मुंगेर की भी स्थिति ठीक नहीं है. यहां भी तीन फुट से ज्यादा जल स्तर कम हुआ है. शेखपुरा, भागलपुर, बेगूसराय, कटिहार, दरभंगा, पश्चिम चंपारण, मधेपुरा, पूर्णिया, किशनगंज में शून्य से एक फुट तक जल स्तर नीचे गया है. गया, भोजपुर, रोहतास, गोपालगंज, मधुबनी, सुपौल, अररिया में एक से दो फुट तक जलस्तर कम हुआ है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार 2018-19 में 34 हजार से अधिक हैंडपंपों की मरम्मत हुई है. लघु संसाधन विभाग के अनुसार करीब 10 हजार नलकूपों के विरुद्ध करीब 4500 नलकूप चालू स्थिति में हैं.
पशु एवं मत्स्य विभाग की रिपोर्ट पर गौर करें तो 1197 बाढ़ राहत शिविर हैं. इसी तरह सुखाड़ राहत शिविरों की संख्या 1312 है. पशु दवा का क्रय कर पशु चिकित्सालयों में वितरण कराया गया है. जिलों में दवा मद में दो करोड़ रुपये का आवंटन है. 50 मोबाइल पशु चिकित्सालय की व्यवस्था की गयी है.
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