पटना : महावीर मंदिर न्यास के वरिष्ठ सदस्य और मूर्धन्य विद्वान 95 वर्षीय डॉ काशीनाथ सिंह का निधन बुधवार को हो गया. उनके निधन पर महावीर मंदिर की ओर से सचिव किशोर कुणाल ने शोक व्यक्त करते हुए उनके आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है.
कुणाल जी ने बताया कि वे संस्कृत जगत के सबसे उद्भट विद्वानों में से एक थे. संस्कृत व्याकरण पर उनका एकाधिकार था. उनके पास तुरंत समाधान मिलता था.
वे संस्कृत के प्रख्यात साहित्यकार भी थे. उन्होंने संस्कृत भाषा और साहित्य के लिए हर्षचरित मंजरी भी लिखी जिसके कारण उन्हें साहित्य अकादमी अवार्ड 2002 में मिला था. वे पटना विवि में स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग के अध्यक्ष भी रहे थे. इसके बाद कामेश्वर सिंह दरभंगा विवि में कुलपति के पद को 1998 से 2001 तक सुशोभित किया था.
