पटना : बारिश की बेरुखी के बाद अब प्रशासन बाढ़ से निबटने के बदले सूखा से बचाव की तैयारी करने के मोड में चला गया है. जून में बीते कई वर्षों में सबसे कम बारिश के बाद जुलाई का समय भी बगैर बारिश के गुजर रहा है.
ऐसे में जिला प्रशासन अब बाढ़ से निबटने की तैयारियों को छोड़ संभावित सूखा का आकलन करने की तैयारी में लग गया है. बतौर जिलाधिकारी कुमार रवि द्वारा प्रतिदिन वर्षा का आकलन किया जा रहा है. जिलाधिकारी के अनुसार 31 जुलाई तक की बारिश का आकलन बीते वर्ष की तुलना में किया जायेगा.
परिस्थिति को देखते हुए प्रशासन सूखा को लेकर अलर्ट हो जायेगा. इसके बाद 31 जुलाई से लेकर 15 अगस्त की बारिश का गहन आकलन होगा. फिर जैसी स्थिति बनती है. उसके अनुसार आगे की तैयारी रहेगी. जिले में बाढ़ को लेकर तैयारी पूरी की जा चुकी है. राहत शिविरों के जगह का निर्धारण, खाद्यान्न की व्यवस्था से लेकर राहत सामग्री वितरण की भी तैयारी की जा चुकी है.
क्या है सूखा घोषित करने का पैमाना : सूखा घोषित करने के लिए कई तरह के मापदंडों को देखा जाता है. इसमें सबसे पहले वर्ष बीते वर्ष के वर्षा के आंकड़े से फीसदी में तुलना की जाती है. इसके बाद क्षेत्र में रोपाई के फीसदी और फिर भू-जल की स्थिति को देखा जाता है.
